2020 में चली गईं कई राजनीतिक हस्तियां, कई फ़िल्मी सितारों ने भी कहा अलविदा!

साल 2020 जाने  में अब चंद दिन ही शेष हैं पूरी दुनिया को नए साल 2021 का बेसब्री से इंतजार है। साल 2020 इतिहास में कुछ इस कदर दर्ज हुआ है कि लोग इसे कभी भूल नहीं पाएंगे, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को तो कत्तई नहीं। यूं कहें कि साल 2020 ने राजनीतिक जगत से लेकर सिनेमा और अन्य क्षेत्र की कई नामचीन हस्तियों को छीन लिया तो कोई गलत नहीं होगा। कुछ का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया तो कुछ को कोरोना वायरस ने हमसे दूर कर दिया। इस साल जो सबसे अधिक चर्चा में रहा शख्स सुशांत सिंह राजपूत, एक उभरते सितारे ने खुदकुशी भी कर ली। आइए नज़र डालते हैं ऐसी ही शख्सियत पर जो आज हमारे बीच नहीं हैं।

राजनीतिक हस्तियां

प्रणब मुखर्जी:
देश के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन 84 साल की उम्र में 31 अगस्त, 2020 को हो गया। बाथरूम में गिरने से उन्हें ब्रेन इन्ज्यूरी हो गई थी। इसके बाद उन्हें दिल्ली के आरआर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 21 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष के बाद उन्होंने 31 अगस्त 2020 को दम तोड़ दिया। वैसे प्रणब दा ने राजनीति में काफी ऊंचा मुकाम बनाया। विवादों से अलग उन्होंने राजनीति में नया आयाम स्थापित किया।

मोतीलाल वोरा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रह चुके कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का 21 दिसंबर को बीमारी के बाद दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। तीन दिन पहले स्वास्थ्य खराब होने के चलते उन्हें यहां इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। उन्होंने एक दिन पहले यानि 20 दिसंबर को अपना जन्मदिन मनाया था। वोरा हाल ही में कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद ठीक हुए थे। मूल रूप से वे छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे। अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली थी। मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रह चुके  हैं। गांधी परिवार के बेहद करीबी होने के चलते साल उन्हें पार्टी कोषाध्याक्ष की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी।

रामविलास पासवान:
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में खाद्य, उपभोक्ता एवं संरक्षण मामलों के मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक नेता रामविलास पासवान का निधन 8 अक्टूबर, 2020 को हो गया। देश के बड़े दलित नेताओं में शुमार पासवान 74 साल के थे। 5 जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया जिले के शाहरबन्‍नी गांव के एक दलित परिवार में जन्‍मे रामविलास पासवान की गिनती बिहार ही नहीं, देश के कद्दावर नेताओं में की जाती थी। जेपी के दौर में वे भारतीय राजनीति में उभरे थे।

अहमद पटेल:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कोषाध्यक्ष अहमद पटेल को कांग्रेस का चाणक्य कहा जाता था। उनका 25 नवंबर, 2020 को निधन हो गया। करीब चार दशक का राजनीतिक जीवन जीने वाले अहमद पटेल कांग्रेस के शर्मीले नेता के तौर पर जाने जाते थे। साल 2017 में जब गुजरात में राज्य सभा का चुनाव हो रहा था, तब उन्हें हराने के लिए अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी की जोड़ी ने उनके खिलाफ जबर्दस्त किलेबंदी की थी, बावजूद इसके उन्होंने जीत दर्ज की थी। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी के वे काफी करीब रहे। अहमद पटेल कांग्रेस के संकटमोचकों में सबसे प्रमुख थे, वह 1993 से लगातार राज्यसभा के सदस्य थे।

जसवंत सिंह:
भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का 27 सितंबर, 2020 को निधन हो गया। सिंह 82 साल के थे। उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हनुमान कहा जाता था। वाजपेयी सरकार में वो वित्त, विदेश और रक्षा मंत्री रहे थे। भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते सुधारने से लेकर 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद पूरी दुनिया से भारत के रिश्तों को मजबूत करने तक के अपने सियासी सफर में जसवंत सिंह ने कई मील के पत्थर साबित किए। 2001 में जब संसद पर हमले हुए थे, तब सभी राजनीतिक पार्टियां पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई देने का दबाव बना रही थी, सेना पर सैनिकों की तैनाती भी हो चुकी थी लेकिन जसवंत सिंह ने एड़ी चोटी का जोर लगाकर ऐसा होने से रुकवा दिया था।

अमर सिंह:
बीजेपी के राज्यसभा सदस्य और समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह का निधन 1 अगस्त, 2020 को सिंगापुर के एक अस्पताल में हो गया था। उन्हें भारतीय राजनीति का मिडिल मैन से लेकर मिडिएटर तक कहा जाता था। मुलायम सिंह यादव और अमिताभ बच्चन के परिवार के काफी करीब रहे अमर सिंह का जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। अमर सिंह ऐसे शख्सियत थे जिनके विपक्षी दलों के बड़े नेताओं से भी मधुर रिश्ते होते थे।

तरुण गोगोई:
साल 2001 से लेकर 2016 तक तीन बार असम के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तरुण गोगोई का 23 नवंबर 2020 को 86 साल की उम्र में निधन हो गया। कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने के बाद उन्हें दोबारा कई बीमारियों और जटिलताओं ने घेर लिया था। उन्हें असम का शालीन और कद्दावर नेता माना जाता था। 6 बार लोकसभा सांसद चुने जाने वाले तरुण गोगोई राजीव गांधी और इंदिरा गांधी के करीबी रहे। इंदिरा गांधी के वक्त उन्हें कांग्रेस का संयुक्त सचिव बनाया गया था, बाद में राजीव गांधी ने उन्हें महासचिव नियुक्त किया था। नरसिम्हा राव सरकार में वो खाद्य प्रसंस्करण मंत्री बनाए गए थे। बाद में 2001 में हितेश्वर सैकिया की जगह उन्हें असम का सीएम बनाया गया था।

फ़िल्मी जगत

सुशांत सिंह राजपूत:
बॉलीवुड के युवा और उभरते अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून, 2020 को आत्महत्या कर ली थी। बांद्रा स्थित एक अपार्टमेंट में उनके घर में उनकी लाश छत से लटकती हुई मिली थी। बिहार के रहने वाले युवा अभिनेता के 34 साल में ही दुनिया को अलविदा कहने से बॉलीवुड के साथ-साथ उनके फैन्स को गहरा सदमा लगा। परिजनों से लेकर फैन्स ने उनकी आत्महत्या पर संदेह जताया और उसकी सीबीआई जांच की मांग की। सुशांत की मौत को लेकर बिहार में इस पर काफी हंगामा हुआ। बिहार और मुंबई पुलिस के बीच भी ठन गई थी। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट ने भी जांच का जिम्मा मुंबई पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दिया।

ऋषि कपूर:
बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर ने बोन मैरो कैंसरी की बीमारी के बाद इसी साल 30 अप्रैल को 67 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। वह एक अभिनेता के साथ-साथ फिल्म निर्माता और निर्देशक भी थे। ‘मेरा नाम जोकर’ फिल्म में वह बाल कलाकार के तौर पर भी काम कर चुके थे. उन्हें ‘बॉबी’ फिल्म के लिए साल 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर अवार्ड दिया गया था। कई बार अपने बयानों को लेकर वे विवादों में भी रहे।

इरफान खान:
साल 2011 में पद्मश्री से सम्मानित और साल 2012 में 60वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता इरफान खान ने भी साल 2020 में दुनिया को अलविदा कह दिया। 54 साल की उम्र में 29 अप्रैल, 2020 को लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। इरफान खान न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से पीड़ित थे। इसका इलाज कराने के लिए वो लंदन भी गए थे। साल भर इलाज कराने के बाद वो भारत लौटे थे। 2018 में उन्हें इस बीमारी के बारे में पता चला था। राजस्थान के टोंक जिले में मुस्लिम परिवार में पैदा हुए इरफान खान ने अपनी प्रतिभा के बल पर दुनिया में नाम रोशन किया। करीब 30 साल के करियर में उन्होंने 50 से अधिक फिल्मों में काम किया था।

राहत इंदौरी:
देश के जाने माने शायर और गीतकार राहत इंदौरी ने भी इस साल दुनिया को अलविदा कह दिया। कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने के बाद 70 वर्षीय शायर को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। बाद में हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया। उन्हें दो बार हार्ट अटैक आया था। वो युवाओं की नब्ज टटोलकर महफिल में शायरी पढ़ा करते थे। उन्होंने बॉलीवुड की फिल्मों के लिए कई बेहतरीन गीत लिखे थे।

सौमित्र चटर्जी:
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित और मशहूर बांग्ला अभिनेता सौमित्र चटर्जी का भी कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से इस साल निधन हो गया। 85 साल के चटर्जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने करीब 40 दिनों तक जिंदगी से जंग लड़ी लेकिन आखिरकार 15 नवंबर, 2020 को हार गए। उन्होंने 200 से अधिक फिल्मों में काम किया था। उन्होंने जाने-माने निर्देशक सत्यजीत रे की फ़िल्म ‘अपूर संसार’ से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी।

First Published on: December 30, 2020 5:40 PM
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