#metoo case : क्या अकबर-रमानी के बीच समझौते की कोई गुंजाइश है-कोर्ट

मीटू अभियान के दौरान 2018 में अकबर पर लगाए आरोपों के बारे में रमानी ने कहा था कि ये उनकी सच्चाई है और इन्हें लोकहित के लिहाज से वह सामने लाई हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि याचिका के सिलसिले में शनिवार को उनसे पूछा कि क्या दोनों के बीच समझौते की कोई गुंजाइश है।

रमानी ने आरोप लगाया था कि अकबर ने बीस वर्ष पहले पत्रकार रहने के दौरान उनके साथ यौन कदाचार किया था। जिसके बाद अकबर ने रमानी के खिलाफ कथित मानहानि की शिकायत दर्ज करवाई।

मीटू अभियान के दौरान 2018 में अकबर पर लगाए आरोपों के बारे में रमानी ने कहा था कि ये उनकी सच्चाई है और इन्हें लोकहित के लिहाज से वह सामने लाई हैं।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) रवींद्र कुमार पांडेय ने शनिवार को मामले में अंतिम दलीलें सुनना शुरू किया और यह सवाल पूछा।

दरअसल उनके पहले जो न्यायाधीश इस मामले में सुनवाई कर रहे थे उनका बुधवार को दूसरी अदालत में तबादला हो गया इसलिए पांडेय मामले में नए सिरे से अंतिम दलीलें सुन रहे हैं।

अदालत ने दोनों पक्षों से समझौते के बिंदु पर अपने जवाब 24 नवंबर को सुनवाई की अगली तारीख तक देने को कहा।

First Published on: November 21, 2020 2:29 PM
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