परामर्श के अनुसार निजी टेलीविजन चैनलों को 24 नवंबर को जारी भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा, जो 15 दिसंबर से लागू होंगे।
इसमें कहा गया है, ‘‘सभी प्रसारकों को सलाह दी जाती है कि एएससीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जाये और टेलीविजन पर प्रसारित विज्ञापन एएससीआई के दिशानिर्देशों का पालन करते हों। यह भी सुनिश्चित किया जाये कि विज्ञापन ऐसी किसी भी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देने वाले हों जो विधि या कानून द्वारा निषिद्ध है।’’
मंत्रालय ने कहा कि यह संज्ञान में आया है कि ऑनलाइन गेमिंग, काल्पनिक खेल (फैंटेसी स्पोर्ट्स), पर बड़ी संख्या में विज्ञापन टेलीविजन पर दिखाई दे रहे हैं। उसने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे विज्ञापन भ्रामक प्रतीत होते हैं।
मंत्रालय ने कहा कि चर्चा और परामर्श के बाद, यह सहमति हुई कि विज्ञापनों के पारदर्शी होने और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विज्ञापनदाताओं और प्रसारकों के लाभ के वास्ते एएससीआई उचित दिशा-निर्देश जारी करेगा।
एएससीआई दिशा-निर्देशों के अनुसार 18 साल के कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को धन कमाने के लिए ऑनलाइन गेम खेलते हुए या यह दूसरों को इस तरह का गेम खेल सकने का सुझाव देते हुए नहीं दिखाया जाये।
परामर्श के अनुसार विज्ञापनों के द्वारा ऑनलाइन गेमिंग को आय के अवसर या वैकल्पिक रोजगार विकल्प के रूप में प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग पर ‘‘भ्रामक’’ विज्ञापनों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए शुक्रवार को सभी निजी टीवी चैनलों से कहा कि वे आय के अवसर या वैकल्पिक रोजगार विकल्प के तौर पर ऐसे विज्ञापन दिखाने से बचें।