नकली भारतीय नोट के रैकेट का NIA ने किया भंडाफोड़, सीमा पार से जुड़े हैं तार


तलाशी में रुपये के अंकित मूल्य के एफआईसीएन की जब्ती हुई। विवेक ठाकुर उर्फ ​​आदित्य सिंह के घर से 6, 600 रुपये (500 रुपये, 200 रुपये और 100 रुपये के मूल्यवर्ग में), नोट छपाई के कागजात के साथ।


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नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे नकली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) रैकेट का भंडाफोड़ करने के लिए चार राज्यों में छापेमारी कर नकली नोट, मुद्रा प्रिंटिंग कागज, प्रिंटर और डिजिटल गैजेट जब्त किए। यह छापेमारी 24 नवंबर 2023 को आईपीसी की धारा 120बी के साथ 489बी, 489सी और 489डी के तहत दर्ज एक मामले (आरसी-02/2023/एनआईए/बीएलआर) में एनआईए जांच के हिस्से के रूप में की गई है।

यह मामला सीमा पार एफआईसीएन की तस्करी और भारत के विभिन्न राज्यों में इसके प्रसार को बढ़ावा देने के लिए संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा रची गई एक बड़ी साजिश से संबंधित है। अधिकारी ने कहा, ”विश्वसनीय जानकारी के आधार पर, एनआईए की टीमों ने महाराष्ट्र के कोहलापुर में आरोपी राहुल तानाजी पाटिल उर्फ जावेद, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में विवेक ठाकुर उर्फ ​​आदित्य सिंह, कर्नाटक के बल्लारी जिले में महेंद्र और महाराष्ट्र के यवतमाल में संदिग्ध शिवा पाटिल उर्फ भीमरव और बिहार के रोहतास जिले में शशि भूषण के परिसरों पर कार्रवाई की।”

तलाशी में रुपये के अंकित मूल्य के एफआईसीएन की जब्ती हुई। विवेक ठाकुर उर्फ ​​आदित्य सिंह के घर से 6, 600 रुपये (500 रुपये, 200 रुपये और 100 रुपये के मूल्यवर्ग में), नोट छपाई के कागजात के साथ। वह शिवा पाटिल उर्फ ​​भीमराव और अन्य के साथ मिलकर पूरे भारत में प्रचलन के लिए सीमावर्ती देशों से नकली मुद्रा और इसकी छपाई का सामान खरीदता था।

एनआईए की जांच में आगे पता चला कि राहुल तानाजी पाटिल उर्फ ​​जावेद नकली नोटों की आपूर्ति का वादा करके भुगतान लेने के लिए धोखाधड़ी से प्राप्त सिम कार्ड का उपयोग कर रहा था। महेंद्र के घर की तलाशी में एफआईसीएन के लिए इस्तेमाल होने वाला एक प्रिंटर जब्त किया गया। मामले में जांच जारी है।