‘हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन’ (एचएएफ) ने कहा कि उसे पाकिस्तान के दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) के ‘वेब एनालिसिस डिवीजन’ से एक पत्र मिला है जिसमें उससे ‘‘बंगाली हिंदू जिनोसाइड’’ नाम का वेब पेज ‘‘24 घंटों के अंदर’’ हटाने को कहा गया है जिसमें तत्कालीन पश्चिमी पाकिस्तानी (अब आधुनिक पाकिस्तान) सेना के नरसंहार की जानकारियां हैं।
एचएएफ ने एक बयान में कहा कि पत्र में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार एचएएफ के इस वेब पेज को पाकिस्तान में ‘‘हटा या ब्लॉक’’ कर देगी। करीब 10 महीने तक चले नरसंहार अभियान में 20-30 लाख लोग मारे गए थे, दो से चार लाख महिलाओं से बलात्कार किया गया और एक करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए, जिनमें से ज्यादातर हिंदू थे।
बहरहाल, एचएएफ ने वेबसाइट बंद करने से इनकार कर दिया है।
एचएएफ की मानवाधिकार निदेशक दीपाली कुलकर्णी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान सरकार की एक सम्मानित अमेरिकी गैर लाभकारी संगठन को धमकाने-डराने की कमजोर कोशिश उसके अमेरिकी विरोधी, हिंदू विरोधी कृत्यों का ताजा उदाहरण है।’’
एचएएफ ने कहा कि उसकी वेबसाइट को पाकिस्तान में ब्लॉक कर दिया गया है।

वाशिंगटन। एक प्रतिष्ठित हिंदू-अमेरिकी पैरोकार समूह ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि बांग्लादेश में 1971 के नरसंहार में पाकिस्तानी सेना की भूमिका का खुलासा करने वाली एक वेबसाइट हाल ही में शुरू करने के लिए पाकिस्तान ने उसे धमकी दी।