नई दिल्ली। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की सांसद अगाथा संगमा ने नगालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 लोगों के मारे जाने की घटना का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में उठाया और कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (आफ्सपा) हटाया जाना चाहिए। उन्होंने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और मेघालय से लोकसभा सदस्य अगाथा संगमा ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि निर्दोष लोगों को आफ्सपा की वजह से जान गंवानी पड़ी है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में भाजपा की सहयोगी एनपीपी की नेता ने पूर्वोत्तर में पहले की कुछ घटनाओं का उल्लेख किया और कहा, ‘‘कई नेताओं ने यह मुद्दा उठाया है। अब समय आ गया है कि आफ्सपा को हटाया जाए।’’
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सीमा पर चीन की आक्रामकता का मुद्दा शून्यकाल में उठाया। उन्होंने दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश में चीन ने हमारी सीमा के भीतर गांव बना लिए हैं और पूर्वी लद्दाख में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार से आग्रह है कि इस विषय पर सदन में चर्चा कराए औेर वास्तविक स्थिति सदन के समक्ष रखे।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने नीट-पीजी की काउंसलिंग में विलंब के खिलाफ चिकित्सकों की हड़ताल का मुद्दा शून्यकाल में उठाया और कहा कि सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए।
भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने नीति आयोग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि गरीबी सूचकांक में बिहार सबसे नीचे है, तमिलनाडु सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि बिहार काफी पिछड़ा गया है। देश तब तक नहीं बढ़ सकता है जब तक बिहार आगे नहीं बढ़ पाएगा। रूडी ने कहा कि बिहार की इस स्थिति को लेकर जरूरी कदम उठाने चाहिए।
भाजपा के सुशील कुमार सिंह और ज्ञानेश्वर पाटिल, कांग्रेस के टी एन प्रतापन, एआईयूडीएफ के बदरुद्दीन अजमल और कई अन्य सदस्यों ने अलग-अलग मुद्दे उठाए।