नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने समुद्र आधारित क्रूज पर्यटन को उभरते हुए क्षेत्र के रूप में चिन्हित करते हुए इस क्षेत्र पर खास ध्यान देने की जरूरत बतायी है और सुझाव दिया है कि संबंधित क्रूज टर्मिनलों एवं बंदरगाहों पर आसान निकासी शुल्क एवं बुनियादी ढांचे का विकास किया जाए। समिति ने विदेशी क्रूज पर्यटकों को आकर्षित करने की दिशा में कदम उठाने का भी सुझाव दिया है।
संसद में पेश पत्तन, पोत और जलमार्ग मंत्रालय की वर्ष 2021-22 की अनुदान की मांग संबंधी रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा है कि वह देश में क्रूज पर्यटन के प्रचार और विकास के संबंध में मंत्रालय के प्रयासों की सराहना करती है। समिति का यह मत है कि क्रूज पर्यटन एक उभरता क्षेत्र है जिस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
समिति ने कहा कि क्रूज पर्यटन अभी प्रारंभिक अवस्था में है और इससे निकट भविष्य में राज्यों/केंद्र सरकार के लिये भारी राजस्व अर्जित किया जा सकता है। इसमें कहा गया है, भारत में क्रूज पर्यटन पहले से ही देश के कुछ प्रमुख बंदरगाहों पर राजस्व और रोजगार सृजन के मामले में अपनी क्षमता दिखा रहा है।
इस पृष्ठभूमि में समिति का सुझाव है कि संबंधित क्रूज टर्मिनलों एवं बंदरगाहों पर आसान निकासी शुल्क एवं बुनियादी ढांचे का विकास किया जाए। समिति ने विदेशी क्रूज पर्यटकों के लिये सरलीकृत आप्रवास प्रक्रिया विकसित करने का भी उल्लेख किया। समिति ने मंत्रालय से इस संबंध में हुई प्रगति की जानकारी देने को भी कहा है।