BHIM-UPI से पेमेंट को ढाई हजार करोड़ रुपए वार्षिक बजट की जरूरत: IIT

नई दिल्ली। BHIM-UPI के जरिये कैशलेस भुगतान को बढ़ावा देने के लिये सरकार को 2,500 करोड़ रुपये का सालाना बजट समर्थन देने की आवश्यकता होगी। इससे नकद राशि के रखरखाव में होने वाले खर्च में काफी बचत होगी। आईआईटी बंबई की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।

रिपोर्ट में इस बात पर गौर किया गया है कि आमतौपर उपभोक्ता को डिजिटल तरीके से किये जाने वाले भुगतान पर सुविधा शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। इसमें कहा गया है कि रिजर्व बैंक को इस तरह का परिवेश नहीं बनाना चाहिए जहां व्यवसायी की मशीन पर शुरू भुगतान की प्रक्रिया में भूगतान ग्रहण करने वाले या भुगतान एग्रीगेटर (पीए) कंपनियों यानी सूत्रधारक द्वारा व्यवसायी की ओर से उपभोक्ता से शुल्क वसूला जाता है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आईआरसीटीसी जिस तरह BHIM-UPI के जरिये भुगतान को स्वीकार करने पर विशेष तौर पर छूट देती, अमेजन, फ्लिपकार्ट, जोमेटो, स्विगी, एयरटेल और मेकमाय ट्रिप जैसी प्रमुख ई- वाणिज्य कंपनियों को भी उसी तरह करना चाहिए। रिपोर्ट कहती है कि इससे BHIM-UPI के तहत लेनदेन की संख्या बढ़ेगी।

यह रिपोर्ट आईआईटी बंबई के गणित विभाग ने तैयार की है। इसमें कहा गया है कि 2,500 करोड़ रुपये की सालाना बजट सहायता से जहां एक तरफ BHIM-UPI को समर्थन मिलेगा वहीं भुगतान में नकद राशि को संभालने के खर्च में काफी बचत होगी। अकेले नवंबर 2020 में ही BHIM-UPI के जरिये 221 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया।

First Published on: December 10, 2020 12:22 PM
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