नई दिल्ली। वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बीएसएफ के पूर्व (बर्खास्त) जवान तेज बहादुर यादव की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट तेजबहादुर की पीएम मोदी के निर्वाचन को रद्द करने मांग की याचिका खारिज कर चुका था, जिसके बाद यादव ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
उच्चतम न्यायालय ने सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर का नामांकन पत्र रद्द होने संबधी दायर याचिका को मंगलवार को रद्द कर दिया। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने 18 नवम्बर को तेज बहादुर की अपील पर सुनवाई पूरी की थी।
पीठ ने आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा। उच्च न्यायालय ने तेज बहादुर का नामांकन पत्र रद्द करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी।
निर्वाचन अधिकारी ने पिछले साल एक मई को तेज बहादुर का नामांकन अस्वीकार कर दिया था। तेज बहादुर ने समाजवादी पार्टी की ओर से नामंकन दाखिल किया था। उच्च न्यायालय ने निर्वाचन अधिकारी के फैसले को बरकरार रखा था।
दरअसल, तेजबहादुर का नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी ने पिछले साल एक मई को अस्वीकार कर दिया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस निर्णय के खिलाफ तेज बहादुर की याचिका खारिज कर दी थी।
निर्वाचन अधिकारी ने बहादुर का नामांकन पत्र रद्द करते समय कहा था कि उसके नामांकन पत्र के साथ निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप में यह प्रमाण पत्र संलग्न नहीं है कि उसे भ्रष्टाचार या शासन के साथ विश्वासघात करने के कारण सशस्त्र बल से बर्खास्त नहीं किया गया है।
आपको बता दें कि तेज बहादुर को 2017 में सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त कर दिया गया था। उसने एक वीडियो में आरोप लगाया था कि सशस्त्र बल के जवानों को घटिया किस्म का भोजन दिया जाता है।