रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरे का दूसरा दिन: PM मोदी और पुतिन के ज्वाइंट स्टेटमेंट की बड़ी बातें

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरे का दूसरा दिन है। सुबह वह राष्ट्रपति भवन गए, फिर राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और फिर हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने साझा बयान देते हुए दोस्ती की कई मिसालें दीं।

PM मोदी ने पुतिन के भारत आने की खुशी में कहा, ‘आज भारत और रूस के 23वें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो ही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक पड़ाव के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 साल पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप की नींव रखी थी। 15 साल पहले 2010 में हमारी साझेदारी को स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप का दर्जा मिला।’

PM मोदी ने आगे कहा, ‘पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपनी लीडरशिप और दूर तक देखने की समझ ने इन रिश्तों को लगातार सींचा है। उनकी लीडरशिप ने हर हाल में आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के लिए इस गहरी दोस्ती और उनकी कोशिशों के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे दोस्त का, दिल से शुक्रगुजार हूं।’

पुतिन ने भी भारत आने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM मोदी का इस गर्मजोशी से स्वागत के लिए मैं दिल से शुक्रगुजार हूं। हमने दोस्ती और साझेदारी के भाव से बातचीत की है।’


PM मोदी ने पुतिन से दोस्ती को ध्रुव तारे की तरह बताया। PM मोदी ने कहा, ‘पिछले 8 दशकों में दुनिया में कई उतार-चढ़ाव आए, मानवता को कई चुनौतियों और संकटों से गुजरना पड़ा है लेकिन इस बीच भी भारत-रूस की दोस्ती एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।’

वहीं, पुतिन ने कहा, ‘दोनों देशों के रिश्ते बहुत पुराने और गहरे हैं। ये सिर्फ बातें नहीं हैं, इनके पीछे बहुत मजबूत और सच्चा आधार है। भारत-रूस की दोस्ती सिर्फ नाम की नहीं, बल्कि एक-दूसरे के लिए भरोसेमंद हैं।’

PM मोदी ने कहा, ‘आज हमेने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाना हमारी साझा जिम्मेदारी है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक इकोनॉमिक कोऑपरेशन प्रोरग्राम पर सहमति जताई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश मुख्तलिफ, बैलेंस्ड और टिकाऊ बनेगा।’

उन्होंने आगे कहा, ‘आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे भारत-रूस बिजनेस फोरम में शामिल होने का मौका मिलेगा। मुझे पूरा यकीन है कि ये मंच हमारे बिजनेस रिलेशन को नई ताकत देगा। इससे एक्सपोर्ट, कोप्रडक्शन और को-इनोवेशन के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

PM मोदी ने कहा, ‘दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के जल्द खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। कृषि और खाद के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोगी, फूड सिक्योरिटी और किसान की बेहतरी के लिए जरूरी है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन की कोशिश कर रहे हैं।’

मोदी ने कहा, ‘भारत और रूस लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। चाहे पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला हो या क्रोकस सिटी हॉल पर हुआ कायरतापूर्ण हमला, इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है।’

उन्होंने कहा, ‘भारत का यह पक्का विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा हमला है और इसके खिलाफ दुनिया की एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। UN, G20, BRICS, SCO और दूसरे मंचों पर भारत और रूस का करीबी सहयोग है। हम इन सभी मंचों पर अपनी बातचीत और सहयोग जारी रखेंगे।

पुतिन ने कहा, ‘PM मोदी और मैंने एक करीबी वर्किंग डायलॉग बनाया है। हम SCO समिट के दौरान मिले थे और हम खुद रूस-भारत डायलॉग की देखरेख कर रहे हैं।’

मोदी ने कहा, ‘इस साल अक्टूबर में लाखों भक्तों ने इंटरनेशनल बुध्दिस्ट फोरम में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद लिया। मुझे खुशी है कि हम जल्द ही रूसी नागरिकों के लिए 30-दिन का फ्री ई-टूरिस्ट वीजा और 30-दिन का ग्रुप टूरिस्ट वीजा शुरू करने जा रहे हैं।’

पुतिन ने कहा, ‘पिछले साल भारत-रूस के बीच जो दोतरफा व्यापार हुआ था, वह 12% बढ़ा है। यह अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। यह आंकड़ा अलग-अलग सोर्स में थोड़ी अलग दिख सकता है, लेकिन औसतन यह लगभग 64 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। हम अनुमान लगा रहे हैं कि इस साल भी व्यापार का स्तर इतना ही मजबूत रहेगा। दोनों देश इस व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने के लिए तैयार हैं।’

पुतिन ने कहा, ‘रूस और भारत मिलकर भारत में सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर प्लांट बना रहे हैं। यह कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट (तमिलनाडु) है। यह भारत का नहीं, बल्कि एशिया के सबसे बड़े न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स में से एक है। इस प्लांट में कुल 6 रिएक्टर बनाए जा रहे हैं। हर रिएक्टर 1000 मेगावॉट बिजली पैदा करेगा। यानी पूरा प्रोजेक्ट तैयार होने पर यहां से 6000 मेगावॉट (6 गीगावॉट) बिजली मिलेगी। 6 में से तीन रिएक्टर पहले ही भारत के एनर्जी नेटवर्क से जुड़ चुके हैं। बाकी 3 रिएक्टर (यूनिट 4, 5 और 6) निर्माण के अलग-अलग चरणों में हैं।’

PM मोदी ने कहा, ‘ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। सिविल न्यूक्लियर एनर्जी के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, क्लीन एनर्जी की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।’

इसके अलावा भी दोनों नेताओं के बीच कई चर्चा हुई, जिसमें क्रिटिकल मिनरल्स, कनेक्टिविटी, व्लादिवोस्टोक कॉरिडोर्स और सांस्कृतिक सहयोग जैसे मुद्दों पर बात की।

आखिर में PM मोदी ने कहा, ‘मुझे पूरा यकीन है कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती हमें ग्लोबल चैलेंजेस का सामना करने की ताकत देगी और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।’

First Published on: December 6, 2025 10:33 AM
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