तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने अडानी मुद्दे, शेल कंपनियों को लेकर सरकार पर निशाना साधा


यह सवाल एमपी जॉन ब्रिटास का था – जिन्होंने ऑफशोर शेल कंपनियों का विवरण मांगा था, जिनके अंतिम लाभकारी स्वामित्व (यूबीओ) भारतीय नागरिकों के पास हैं।


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नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने सोमवार को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की दो साल पुरानी एक प्रेस विज्ञप्ति साझा करते हुए सरकार पर निशाना साधा, जिसमें कहा गया था कि 2018 और 2021 के बीच 2.38 लाख से अधिक शेल कंपनियों की पहचान की गई थी। उन्होंने सुबह पोस्ट किए गए अपने पहले के ट्वीट को टैग करते हुए आधिकारिक बयान को ट्वीट किया, जहां उन्होंने शेल कंपनियों पर राज्यसभा के एक सवाल का जवाब टैग किया था, जिसमें सरकार ने कहा था कि भारतीय नागरिकों के स्वामित्व वाली विदेशी शेल कंपनियों के बारे में डेटा ‘अनुपलब्ध’ है।

यह सवाल एमपी जॉन ब्रिटास का था – जिन्होंने ऑफशोर शेल कंपनियों का विवरण मांगा था, जिनके अंतिम लाभकारी स्वामित्व (यूबीओ) भारतीय नागरिकों के पास हैं।

सरकार ने अपने जवाब में कहा : “यह प्रस्तुत किया गया है कि वित्त मंत्रालय द्वारा प्रशासित अधिनियमों में एक अपतटीय शेल कंपनी को परिभाषित नहीं किया गया है। भारतीय नागरिकों के स्वामित्व वाली अपतटीय शेल कंपनियों के बारे में डेटा/विवरण उपलब्ध नहीं है।”

दोनों प्रतिक्रियाओं को साझा करते हुए महुआ ने ट्वीट किया : “सरकार ने कानून में किसी विशिष्ट परिभाषा के बिना 2,38,223 शेल कंपनियों की पहचान की। मॉरीशस में अडानी समूह के परिवार के गोले की बात आने पर ही पलकें झपकती हैं!”

उन्होंने कहावत ‘तीन बुद्धिमान बंदरों’ की एक तस्वीर साझा की और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को टैग करते हुए ट्वीट किया, “सरकार अडानी के खिलाफ कार्रवाई कैसे कर सकती है? वित्त मंत्रालय को शेल फर्म की परिभाषा नहीं पता है! आरएस में लिखित जवाब कहता है कि कोई सुराग नहीं है, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं है।”