एनआईए की जांच के बाद ही पता चलेगा, एम्स साइबर हमले के पीछे कौन लोग थे : आईटी मंत्री

एम्स का सर्वर 23 नवंबर को हैक हो गया था, जिससे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान के संचालन में गंभीर बाधा आई। एम्स शीर्ष राजनेताओं, नौकरशाहों और कई महत्वपूर्ण हस्तियों सहित देशभर के लाखों रोगियों की सेवा करता है।

नई दिल्ली। दिल्ली स्थित एम्स के सर्वर पर हुए साइबर हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान एनआईए द्वारा मामले की जांच पूरी होने के बाद ही हो पाएगी। यह जानकारी बुधवार को संसद को दी गई। प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार द्वारा घटना पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में आईटी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एम्स के मामले में इसका नेटवर्क समय के साथ एक फ्लैट नेटवर्क के रूप में विकसित हुआ था और अब पूरी तरह से अपडेट हो रहा है। एक पदानुक्रमित प्रणाली में जिसमें उपयोगकर्ता का लॉगिन पासवर्ड, प्रशासक के विशेषाधिकार और अन्य पहलुओं को फिर से परिभाषित किया जा रहा है।

साइबर हमलावरों की पहचान के बारे में वैष्णव ने कहा, “जब और जब एनआईए द्वारा जांच पूरी हो जाएगी, तो हमें वास्तव में पता चल जाएगा कि हमलावर कौन थे। लेकिन निश्चित रूप से हमने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए कि नेटवर्क सुरक्षित रहे।”

एम्स का सर्वर 23 नवंबर को हैक हो गया था, जिससे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान के संचालन में गंभीर बाधा आई। एम्स शीर्ष राजनेताओं, नौकरशाहों और कई महत्वपूर्ण हस्तियों सहित देशभर के लाखों रोगियों की सेवा करता है। इस घटना ने मरीजों के डेटा की सुरक्षा और असामाजिक तत्वों तक इसके लीक होने की आशंका पर सवाल खड़े कर दिए थे।

12 दिसंबर को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लोकसभा में इस मामले की गहन जांच की मांग की थी।

First Published on: December 15, 2022 9:34 AM
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