
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन तो पूरे देश से मिल रहा है। लेकिन जिस तरह पंजाब का हर वर्ग किसानों के समर्थन में आया है वह अद्वितीय है। पंजाब के राजनीतिक दलों के साथ ही खिलाड़ी, साहित्यकार, गायक, अभिनेता और प्रवासी पंजाबी किसानों के समर्थन में उतर आये हैं। खिलाड़ियोंं और साहित्यकारों ने तो अपने पद्म एवं खेल पुरस्कार तक सरकार को लौटाने की घोषणा कर दी है।
पंजाब के क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह पाश आजीवन आम आदमी और किसानों के पक्ष में लिखते रहे, फिरकापरस्तों के खिलाफ लिखने के कारण उनको अपनी जान भी गवानी पड़ी। लेकिन आज भी पंजाब उनके यौगदान को भूला नहीं है, तभी तो पंजाब का इक किसान ‘पाश’ की कविताओं के सहारे अपने ‘सपनों को जिंदा’ रखे हुये है।
पंजाब के विख्यात कवि अवतार सिंह संधू ‘पाश’ की क्रांतिकारी कविताओं और उम्मीदों के सहारे फरीदकोट का एक किसान साइकिल से करीब 400 किलोमीटर की यात्रा करके नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को समर्थन देने के लिए दिल्ली की सीमा टिकरी बॉर्डर पर पहुंच गया।
किसान पाल संधू पंजाब के फरीदकोट जिले के रामीना गांव के रहने वाले हैं। वह सोमवार को दिल्ली-हरियाणा सीमा के निकट प्रदर्शन स्थल पर किसान नेताओं का भाषण सुन रहे थे। उनकी साइकिल पर कई तख्तियां टंगी हुई थीं, जिन पर पाश की कविता ‘सबसे खतरनाक होता है…’ की पंक्तियां पंजाबी में लिखी थीं। उनकी सजी हुई साइकिल वहां से गुजर रहे प्रदर्शनकारियों को आकर्षित कर रही थी और कई लोग उसके साथ तस्वीरें खिंचवा रहे थे।
पाल संधू ने कहा, ‘‘ मैं घर पर बेचैन था और खुद को साथी किसानों की हालत का पता करने से रोक नहीं सका। ये किसान साझा लक्ष्य के लिए कड़ाके की ठंड में कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। मेरा भाई भी कुछ दिन पहले एक ट्रैक्टर-ट्रॉली में आया था जो कि टिकरी बॉर्डर पर ही है। मैंने भी यहां आने का निर्णय लिया और साइकिल से आया।’’
फरीदकोट के किसान ने बताया कि वह 19 दिसंबर की सुबह आठ बजे अपने घर से निकले थे।