जल है तो कल है और जल है तो ही जीवन है इन दोनों पंक्तियों को कोई भी झुठला नहीं सकता। पानी हमारे लिए एक ऐसी धरोहर है जिसे आने वाली पीढ़ी के लिए संभालकर रखना बहुत जरूरी है। पानी के बिना जीवन ही संभव नहीं। कहते हैं मनुष्य खाने के बिना तो रह सकता है लेकिन पानी के बिना जीवत नहीं रह सकता।
हालांकि लोगों को ये बात समझ में नहीं आती है और वह पानी को बचाकर रखने की जगह व्यर्थ करने पर तुले रहते हैं। लोग पानी के महत्व को समझना छोड़ चुके जल ही समस्त भौतिक वस्तुओं का कारण और समस्त प्राणी जीवन का आधार है लेकिन अब लोग इस बात को महत्व नहीं दे रहे हैं। अफसोस के साथ कहना हैं।
दुनिया को पानी की जरूरत को समझाने के उद्देश्य से ही विश्व जल दिवस को मनाने की प्रथा शुरू हुई है। दार्शनिक थेल्स ने सैकड़ों वर्ष ईसा पूर्व कहा था कि होगा कि भारत समेत पूरी दुनिया तब से अब तक इस अमूल्य धरोहर को सहेजने में विफल रही है। इसी वजह से हर साल विश्व जल दिवस (World Water Day) मनाया जाता है।
1993 में पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया था और संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1992 में अपने ‘एजेंडा 21’में रियो डी जेनेरियो में इसका प्रस्ताव दिया था।
आखिर क्यों महत्वपूर्ण है जल दिवस
यह निर्विवाद सत्य है कि सभी जीवित प्राणियों की उत्पत्ति जल में हुई है। वैज्ञानिक अब पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर पहले पानी की खोज को प्राथमिकता देते हैं। पानी के बिना जीवन जीवित ही नहीं रहेगा। इसी कारणवश अधिकांश संस्कृतियां नदी के पानी के किनारे विकसित हुई हैं … इस प्रकार ‘जल ही जीवन है’ का अर्थ सार्थक है।
दुनिया में, 99% पानी महासागरों, नदियों, झीलों, झरनों आदि के अनुरूप है। केवल 1% या इससे भी कम पानी पीने के लिए उपयुक्त है। हालाँकि, पानी की बचत आज की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। केवल पानी की कमी पानी के अनावश्यक उपयोग के कारण है। बढ़ती आबादी और इसके परिणामस्वरूप बढ़ते औद्योगिकीकरण के कारण, शहरी मांग में वृद्धि हुई है और पानी की खपत बढ़ रही है।
आप सोच सकते हैं कि एक मनुष्य अपने जीवन काल में कितने पानी का उपयोग करता है, किंतु क्या वह इतने पानी को बचाने का प्रयास करता है? असाधारण आवश्यकता को पूरा करने के लिए, जलाशय गहरा गया है। इसके परिणामस्वरूप, पानी में लवण की मात्रा में वृद्धि हुई है।
विश्व जल दिवस 2021 की थीम
विश्व जल दिवस को हर साल एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल की थीम- वेल्यूइंग वॉटर है, जिसका लक्ष्य लोगों को पानी का महत्व समझाना है। दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां लोगों को पीने तक का पानी नहीं मिल पाता और फिर लोग गंदा पानी पीकर कई सारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करते हैं। ऐसे में पानी के मूल्य को समझना बहुत ही जरूरी है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व जल दिवस के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल शक्ति अभियान लॉन्च करेंगे। आज दोपहर 12.30 बजे इस अभियान को लॉन्च किया जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय जल मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश की सरकार केन बेतवा की नदियों को जोड़ने वाली परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे।
Tomorrow, on World Water Day, the ‘Catch the Rain’ Movement would be launched at 12:30 PM. This movement will take place across India based on the theme of ‘catch the rain, where it falls, when it falls.’ It will strengthen water conservation efforts happening in our country.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 21, 2021
रविवार को पीएम मोदी ने केन बेतवा प्रोजेक्ट को लेकर ट्विटर पर जानकारी साझा करते हुए कहा, ‘कल विश्व जल दिवस के मौके पर ऐतिहासिक केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाएंगे।यह एक भविष्यवादी परियोजना है जो विशेष रूप से बुंदेलखंड के लोगों की मदद करेगी।’
Tomorrow, on World Water Day, a historic MoA for the Ken Betwa Link Project would be signed. This is a futuristic project that will particularly help the people of Bundelkhand. https://t.co/ONMfCQIjey
— Narendra Modi (@narendramodi) March 21, 2021
इस अभियान की थीम ‘कैच द रेन वेयर इट फॉल्स, वैन इट फॉल्स’ रखी गई है और यह अभियान 22 मार्च से 30 नवंबर तक लगातार चलेगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों में वर्षा जल के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।