
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के दुर्ग जिले स्थित एक निजी मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण करने हेतु विधेयक विधानसभा में पेश करने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने आरोप लगाया है कि सरकार कॉलेज से जुड़े लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कदम उठा रही है।
राज्य में निजी मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब मंगलवार को एक अखबार ने खबर प्रकाशित की कि राज्य की कांग्रेस सरकार विधानसभा सत्र में चन्दूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, दुर्ग का अधिग्रहण करने के लिए एक विधेयक पेश करेगी। इस कॉलेज को उस परिवार के लोग चला रहे हैं जिस परिवार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बेटी की शादी हुई है।
अखबार में खबर छपने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर आरोपों को निराधार बताया। बघेल ने ट्वीट कर कहा है कि चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज पर प्रकाशित खबर महज कयास हैं और उसका आधार नहीं है। यह प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज और सैकड़ों छात्रों के भविष्य को बचाने का प्रयास है। इससे एक नया मेडिकल कॉलेज बनाने का समय बचेगा और हर साल प्रदेश को डेढ़ सौ डॉक्टर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक रिश्तेदारी और निहित स्वार्थ का सवाल है तो मैं प्रदेश की जनता को बताना चाहता हूं कि भूपेश बघेल उसके प्रति उत्तरदायी है और उसने हमेशा पारदर्शिता के साथ राजनीति की है, सरकार में भी हमेशा पारदर्शिता ही होगी। सौदा होगा तो सब कुछ साफ हो जाएगा।
जहां तक रिश्तेदारी और निहित स्वार्थ का सवाल है तो मैं अपने प्रदेश की जनता को यह बताना चाहता हूं कि भूपेश बघेल उसके प्रति उत्तरदायी है और उसने हमेशा पारदर्शिता के साथ राजनीति की है, सरकार में भी हमेशा पारदर्शिता ही होगी। सौदा होगा तो सब कुछ साफ हो जाएगा।
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— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 27, 2021
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह खबर कल्पनाशीलता की पराकाष्ठा से उपजा विवाद है, जिसे मैं चुनौती देता हूं। अगर जनहित का सवाल होगा तो सरकार निजी मेडिकल कॉलेज भी ख़रीदेगी और नगरनार का संयंत्र भी। हम सार्वजनिक क्षेत्र के पक्षधर लोग हैं और रहेंगे। हम उनकी तरह जनता की संपत्ति बेच नहीं रहे हैं।’’
यह खबर कल्पनाशीलता की पराकाष्ठा से उपजा विवाद है। जिसे मैं चुनौती देता हूं।
अगर जनहित का सवाल होगा तो सरकार निजी मेडिकल कॉलेज भी ख़रीदेगी और नगरनार का संयंत्र भी।
हम सार्वजनिक क्षेत्र के पक्षधर लोग हैं और रहेंगे।
हम उनकी तरह जनता की संपत्ति बेच नहीं रहे हैं।
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इधर विपक्षी दल भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि यह विधेयक कॉलेज से जुड़े लोगों को लाभ पहुंचाने का प्रयास है।
कॉलेज के अधिग्रहण के संबंध में मीडिया रिपोर्ट को लेकर अग्रवाल ने कहा कि ऐसा लगता है कि कॉलेज से जुड़े लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। अन्यथा ऐसे कई कॉलेज हैं जो नुकसान का सामना कर रहे हैं। क्या सरकार सभी कॉलजों का अधिग्रहण करने जा रही है।
पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि पहले मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने भी इस मेडिकल कॉलेज के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया था। मेरी जानकारी के अनुसार कॉलेज पर 300 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। प्रस्तावित विधेयक में कर्ज चुकाने और वहां काम कर रहे डॉक्टरों और कर्मचारियों को समायोजित करने की प्रक्रिया का कोई जिक्र नहीं है।
अग्रवाल ने कहा कि कॉलेज का अधिग्रहण इससे जुड़े लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अधिग्रहण ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को संदेह के घेरे में ला दिया है।
भाजपा नेता ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक में यह उल्लेख किया गया है कि कॉलेज को प्रति वर्ष 140 करोड़ रुपये दिए जाएंगे लेकिन कब तक यह स्पष्ट नहीं है। 140 करोड़ रुपये से एक नया मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जा सकता है।
इस विवाद के बाद राज्य सरकार ने एक बयान जारी कर बताया कि छत्तीसगढ़ की जनता और छात्रों के हित में इस मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण का फैसला लिया गया है।
राज्य के जनसंपर्क विभाग से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि चन्दूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, दुर्ग का अधिग्रहण संबंधी विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा में पेश किया जाएगा। 20 जुलाई को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस चिकित्सा महाविद्यालय के अधिग्रहण संबंधी विधेयक के प्रारूप को अनुमोदित किया गया है।
विज्ञप्ति के अनुसार राज्य के संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की पूरी जनता और छात्रों के हित में तथा प्रदेश में तेजी से चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के उद्देश्य से चन्दूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, दुर्ग के अधिग्रहण का निर्णय लिया गया है। इससे चिकित्सा महाविद्यालय के रूप में एक तैयार अधोसंरचना का अधिग्रहण किया जा सकेगा।
चौबे ने कहा है कि आमतौर पर किसी चिकित्सा महाविद्यालय की अधोसंरचना को तैयार करने में ही करीब 500 करोड़ रुपये और काफी समय लग जाता है। मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त 150 सीट वाले चंदूलाल चंद्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, दुर्ग के अधिग्रहण से केवल आधी लागत में ही एक और शासकीय मेडिकल कॉलेज का लाभ प्रदेश की जनता को तत्काल मिल सकेगा।