परीक्षा केंद्र दूर होने व ट्रेनों के बंद होने से कड़ाके की सर्दी में जान जोखिम में डाल मालगाड़ी से यात्रा को मजबूर BPSC अभ्यर्थी

बीपीएससी 66 वीं प्रीलिम्स परीक्षा के लिए अप्लाई करने वाले कैंडिडेट्स परीक्षा केंद्र को लेकर आन्दोलन कर रहें हैं। उनक कहना है कि कोरोना महामारी के चलते परिवहन में कमी होने कारण परीक्षा केंद्रों पर पहुँचने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा इस लिए परीक्षा केंद्रों को परीक्षार्थियों के गृह जनपद में तय किये जाएं।

फाइल फोटो

पटनाः कोरोना काल में ट्रेनों और अन्य दूसरे वाहनों का परिचालन सुचारू रूप से नहीं होने के कारण परीक्षा केंद्रों पर जाने के लिए बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अभ्यर्थियों का काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और अभ्यर्थियों को मालगाड़ी के खुले डब्बों पर सवार होकर सफर करना पड़ रहा है।

परीक्षा को कुछ दिनों के लिए स्थगित करने और केंद्रों को नजदीक करने के लिए अभ्यर्थियों ने ट्विटर पर अभियान भी चलाया था, लेकिन इसका सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा और सरकार पूर्व निर्धारित तिथि 27 दिसम्बर को ही परीक्षा कराने के लिए नोटिश निकाल दिया। ऐसे में बेरोजगारी की मार झेल रहे अभ्यर्थी कड़ाके की शर्दी में जान जोखिम में डालकर मालगाड़ी के खुले डिब्बों पर बैठकर परीक्षा केंद्रों पर जा रहे हैं।

इस संंबंध में आरजेडी की नेता रीतू जायसवाल ने भी सरकार को अपने जिद छोड़कर परीक्षा केंद्रों में बदलाव करने की अपील की। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, हमारे छात्र वन विभाग की परीक्षा मालगाड़ी पर देने गए। अब दो दिन बाद बीपीएससी की परीक्षा है। छात्रों ने आयोग को लगातार पत्र लिखे की सेंटर नज़दीक दें। उल्टा संवेदनहीन और ज़िद्दी सरकार ने जवाब दिया कि परीक्षा के केंद्र और तिथि कुछ भी नहीं बदलेंगे।

इस संबंध में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं ने भी सरकार को परीक्षा की तिथि में बदलाव के लिए नीतीश सरकार से अनुरोध किया था, लेकिन सरकार की जिद अभ्यर्थियों की जान पर भारी पड़ा और सरकार ने परीक्षा की तिथि में कोई बदलाव नहीं किया।

आरजेडी के विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव ने अभ्यर्थियों के इस सफर का एक वीडियो शेयर कर नीतीश सरकार को बेशर्मी त्यागने की नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा, ” BPSC Exam में छात्रों को सैकड़ों किलोमीटर दूर सेंटर दे दिया गया है। कोरोना के कारण रेल सुविधा भी ठप पड़ी है। छात्र इस ठंड में मालगाड़ी से जा रहे हैं। नीतीश और उनके प्रिय अधिकारी तो गर्म महल में विराजित हैं। लेकिन इन छात्रों की चिंता किसे ??” नीतीश कुमार बेशर्मी त्यागिए।

बता दें कि बीपीएससी के अधिकारियों ने एक नोटिश जारी कहा था कि बिहार लोक सेवा आयोग की 66वीं प्रारंभिक परीक्षा 2020 की तारीख और परीक्षा केंद्र में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा और आयोगन ने कहा कि एडमिट कार्ड में अंकित परीक्षा केंद्र पर ही कैंडिडेट्स को परीक्षा देनी होगी। यह परीक्षा 27 दिसंबर 2020 को आयोजित की जायेगी।

बीपीएससी 66 वीं प्रारम्भिक परीक्षा 2020 के लिए करीब साढ़े चार लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। अभी तक इसमें से करीब सवा चार लाख लोग अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर चुके हैं।

आपको बतादें कि बीपीएससी 66 वीं प्रीलिम्स परीक्षा के लिए अप्लाई करने वाले कैंडिडेट्स परीक्षा केंद्र को लेकर आन्दोलन कर रहें हैं। उनक कहना है कि कोरोना महामारी के चलते परिवहन में कमी होने कारण परीक्षा केंद्रों पर पहुँचने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा इस लिए परीक्षा केंद्रों को परीक्षार्थियों के गृह जनपद में तय किये जाएं।

बीपीएससी इस परीक्षा के लिए राज्य के 35 जिलों में 888 परीक्षा केंद्र केन्द्र बनाए गए हैं। परिवहन में परेशानी को देखते हुए आयोग ने इस बार राज्य के 35 जिलों में कुल 888 परीक्षा केंद्र बनाए हैं जो कि गत वर्ष की तुलना में परीक्षा केंद्रों की संख्या 88 ज्यादा है। आयोग ने 65वीं प्रारंभिक परीक्षा के लिए 800 परीक्षा केंद्र बनाए थे।

कोरोना काल में परिवहन में असुविधा होने के बावजूद तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए बीपीएससी ने 66वीं पीटी के लिए सभी पुरुष परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र उनके गृह जिले से बाहर रखा है। महिलाओं के लिए गृह जिले का ऑप्शन इसमें फीड है।
गौरतलब है कि इस भर्ती प्रक्रिया के जरिए करीब 561 पदों पर नियुक्ति होनी है। प्रीलिम्स परीक्षा में सफल पाए गए परीक्षार्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति प्रदान की जाएगी।

First Published on: December 25, 2020 4:01 PM
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