आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव आज (शुक्रवार) अपनी नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। वे शाम 5 बजे अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसमें नई पार्टी/संगठन के बारे में जानकारी दी जा सकती है। कुछ दिनों पहले ही उनके पिता ने आरजेडी से छह साल के लिए निष्कासित किया था। इतना ही नहीं परिवार से भी बाहर कर दिया था।
दरअसल इसी साल (2025) बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है। तेज प्रताप यादव अभी वर्तमान में हसनपुर से विधायक हैं। 2015 से 2020 तक वे महुआ से विधायक रह चुके हैं। प्रदेश में चुनावी माहौल है और ऐसे वक्त में जब उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया गया है तो वे अब अलग अपनी राह देख रहे हैं। माना जा रहा है कि वो बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखा सकते हैं।
बता दें कि पूरा मामला अनुष्का यादव से जुड़ा है। एक तरफ तेज प्रताप यादव का पहले से ऐश्वर्या राय के साथ तलाक का केस चल रहा है तो दूसरी ओर उन्होंने खुद ही कुछ दिनों पहले सार्वजनिक कर दिया था कि वे अनुष्का के साथ रिश्ते में हैं। यह बात जैसे ही उन्होंने एक्स के जरिए बताई तो उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया। परिवार से भी बाहर कर दिया।
तेज प्रताप पर एक्शन की जानकारी खुद लालू ने एक्स के जरिए दी थी। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था, “निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं।”
आगे लिखा था, “अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है। अपने निजी जीवन का भला-बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सार्वजनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है। धन्यवाद।”
नई पार्टी की खबर सामने आने के बाद एक चर्चा और शुरू हो गई है और वो अनुष्का यादव से जुड़ी हुई है। चर्चा है कि अनुष्का यादव भी तेज प्रताप की पार्टी में शामिल हो सकती हैं। हालांकि इस पर अभी कुछ भी आधिकारिक रूप से नहीं कहा जा सकता है, लेकिन देखा जाए तो राजनीति में कुछ भी संभव है।