दिल्ली चिड़ियाघर में पिछले साल 125 पशुओं की हुई मौत, तीन साल में सबसे कम मृत्युदर

नई दिल्ली। दिल्ली के चिड़ियाघर में पिछले साल 125 पशुओं की मौत के मामले सामने आये जो पिछले तीन साल में सबसे कम संख्या है। कोरोना वायरस संक्रमण और बर्ड फ्लू के कारण एक साल से भी अधिक समय तक बंद रहने के बाद बृहस्पतिवार को ही चिड़ियाघर को आम जनता के लिए पुन: खोला गया।

चिड़ियाघर के निदेशक रमेश पांडे ने कहा कि बुधवार को समाप्त हुए पिछले वित्त वर्ष में जानवरों की मृत्युदर करीब 10 प्रतिशत रही जो 2017-18 के बाद से सबसे कम है। पांडे ने बताया कि इस समय चिड़ियाघर में करीब 1,160 पशु हैं। संख्या संबंधी अंतिम रिपोर्ट अप्रैल के मध्य तक तैयार होगी।

अगर बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत का कोई मामला नहीं होता तो मारे गये जंतुओं की संख्या कम रहती। चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू का पहला मामला 15 जनवरी को सामने आया था। सबसे पहले ब्राउन फिश उल्लू के नमूने में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। अगले कुछ सप्ताह में चिड़ियाघर परिसर से कुछ और नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई।

पिछले एक साल में चिड़ियाघर में दो बाघिन, एक बाघ और दो शावकों की मौत हो गयी। हालांकि, पिछले साल नवंबर में चिड़ियाघर में एक बाघिन लाई गई और प्रजनन के मकसद से चेन्नई और नागपुर से तीन और बाघों को लाने की योजना है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2019-20 के दौरान 172 जानवरों की मौत हुई और मृत्यु दर 17 प्रतिशत से अधिक थी। वहीं 2018-19 में 188 पशुओं की मौत हुई और मृत्यु दर करीब 15 प्रतिशत थी। पांडे के मुताबिक बृहस्पतिवार को 1645 लोग चिड़ियाघर घूमने आए। महामारी के कारण हमें उम्मीद नहीं थी कि सौ से ज्यादा लोग आएंगे लेकिन उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली।

First Published on: April 2, 2021 11:49 AM
Exit mobile version