इंदौर। यज्ञ को “पर्यावरण शुद्ध करने की प्राचीन चिकित्सा पद्धति” बताते हुए मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने दावा किया है कि देश में महामारियों के नाश में अनादि काल से यज्ञ की परंपरा रही है। कोरोना की दूसरी लहर के घातक प्रकोप के बीच उन्होंने आम लोगों से भी अपील की है कि वे एक ही समय पर हवन करते हुए आहुतियां डालें।
ठाकुर ने यहां मंगलवार को कुछ संवाददाताओं से कहा, “हम आप सबसे प्रार्थना करते हैं कि 13 मई तक सुबह 10 बजे एक साथ यज्ञ करते हुए आहुतियां डालें और पर्यावरण को शुद्ध करें क्योंकि महामारियों के नाश में अनादि काल से यज्ञ की पावन परंपरा है।”
उन्होंने कहा, “यज्ञ पर्यावरण को शुद्ध करने की एक चिकित्सा है, यह धर्मांधता और कर्मकांड नहीं है। ..तो आइए, हम सब यज्ञ में दो-दो आहुतियां डालें और अपने खाते का पर्यावरण शुद्ध करें। तीसरी लहर हिंदुस्तान को छू नहीं पाएगी।”
संस्कृति मंत्री ने यह भी कहा कि महामारी की तीसरी लहर की आशंका के प्रति प्रदेश सरकार “जागृत” है। उन्होंने कहा, “ऐसा कहा जा रहा है कि यह लहर बच्चों पर हमला करेगी। इसकी रोकथाम के लिए भी प्रदेश सरकार की ओर से संपूर्ण तैयारी प्रारंभ की जा रही है।”
ठाकुर ने कहा, “मुझे भरोसा है कि हम महामारी की तीसरी लहर से भी अच्छी तरह निपटेंगे क्योंकि जब सबके संयुक्त प्रयास पवित्र भाव से होते हैं, तो कोई भी मुसीबत टिक नहीं पाती। हम प्रभु से प्रार्थना करते हैं कि यह लहर लोगों को कष्ट नहीं दे पाए।”
शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में शामिल ठाकुर के पास संस्कृति और अध्यात्म विभाग के साथ ही पर्यटन महकमा भी है और वह धार्मिक व सांस्कृतिक विषयों पर अपने बयानों के लिए अक्सर चर्चित रहती हैं।
ठाकुर ने यहां सात मार्च को एक कार्यक्रम में दावा किया था कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय गाय के गोबर के कंडे पर हवन के दौरान इसी पशु के दूध से बने घी की महज दो आहुतियों के असर से कोई भी घर 12 घंटे तक संक्रमणमुक्त रह सकता है।