मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस: 19 साल बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने 12 आरोपियों को किया बरी

11 जुलाई 2006 की शाम मुंबई में हुए सिलसिलेवार ट्रेन धमाके ने पूरे देश को हिला दिया था। इस धमाके में 189 लोगों की जान चली गई थी। 19 साल बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने 12 आरोपियों को बरी कर दिया। इसमें से पांच को साल 2015 में ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा और सात को आजीवन कारावास की सजा दी थी। अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि आरोपी प्रतिबंधित ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) के सदस्य थे।

जिन्हें मौत की सजा मिली

कमाल अहमद अंसारी: 50 साल की आयु में अपील की सुनवाई लंबित रहने के दौरान 2021 में उसकी मौत हो गई। अंसारी बिहार के मधुबनी जिले का निवासी था और उस पर पाकिस्तान में हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेने का आरोप था। उस पर माटुंगा में हुए बम विस्फोट का भी आरोप था।

मोहम्मद फैसल रहमान शेख: ठाणे जिले के मीरा रोड निवासी 50 साल के आरोपी पर मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक होने का आरोप था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, उसने पाकिस्तान से धन प्राप्त किया, बम बनाए और एक बम ट्रेन में लगाया था।

एहतेशाम सिद्दीकी: 42 साल के सिद्दीकी पर ट्रेनों की रेकी करने और मीरा-भायंदर में हुए बम विस्फोट को अंजाम देने का आरोप था।

नवीद हुसैन खान रशीद: सिकंदराबाद निवासी 44 साल के रशीद विस्फोट के समय एक कॉल सेंटर में काम करता था और उस पर बम बनाने तथा बांद्रा में एक ट्रेन में विस्फोट के लिए बम लगाने का आरोप था। उसे सिकंदराबाद से ही गिरफ्तार किया गया था।

आसिफ खान बशीर खान: 52 साल के खान पर बोरीवली में बम बनाने और विस्फोट करने के लिए बम लगाने में मदद करने का आरोप था। जलगांव निवासी सिविल इंजीनियर खान पर सिमी का प्रमुख सदस्य होने का भी आरोप था।

आजीवन कारावास की सजा पाने वाले

तनवीर अहमद अंसारी: मुंबई के अग्रीपाड़ा के निवासी 50 साल के अंसारी को पाकिस्तान में आतंकी शिविरों में जाने और ट्रेनों की रेकी करने का दोषी ठहराया गया था।

मोहम्मद शफी: 46 साल के शफी पर हवाला रैकेट चलाने और विस्फोटों के लिए पाकिस्तान से धन जुटाने का आरोप था।

शेख मोहम्मद अली आलम: 55 साल के आलम पर भारत में घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानियों की मदद से उपनगरीय गोवंडी स्थित अपने घर में बम बनाने का आरोप था। उस पर सिमी का सदस्य होने का भी आरोप था।

मोहम्मद साजिद अंसारी: मीरा रोड निवासी 47 साल के अंसारी पर बमों के लिए टाइमर खरीदने और उन्हें जोड़ने में मदद करने का आरोप था। अंसारी पर दो पाकिस्तानी नागरिकों को शरण देने का भी आरोप था।

मुजम्मिल रहमान शेख: इस मामले में सबसे कम उम्र के आरोपी 40 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर शेख पर पाकिस्तान में प्रशिक्षण लेने और लोकल ट्रेनों की रेकी करने का आरोप था। शेख के भाई फैसल और राहिल भी इस मामले में आरोपी हैं लेकिन कभी पकड़े नहीं गए। ये दोनों इस साजिश के कथित तौर पर मुख्य साजिशकर्ता थे।

सुहैल महमूद शेख: 55 साल के शेख पर पाकिस्तान में हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेने और जिन ट्रेनों में बम लगाये गए थे उनकी रेकी करने का भी आरोप था।

जमीर रहमान शेख: 50 साल के शेख पर षड्यंत्र रचने के लिए बैठकों में भाग लेने और पाकिस्तान में प्रशिक्षण प्राप्त करने का आरोप था।

First Published on: July 21, 2025 6:37 PM
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