
चंडीगढ़। पंजाब में सोमवार से सभी कक्षाओं के लिए स्कूलों को फिर से खोल दिया गया है। इससे पहले साल के शुरू में प्री-प्राइमरी स्तर की कक्षाओं के लिए कुछ महीनों के लिए स्कूल खोले गए थे।
राज्य सरकार ने शनिवार को दो अगस्त से सभी कक्षाओं के लिए स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति दे दी। उसने कोरोना वायरस के मामलों की घटती संख्या के मद्देनजर कोविड प्रतिबंधों में और ढील दी है।
Punjab school education minister @VijayIndrSingla informed that in view of the present Covid situation, the education department is all set to reopen schools for all classes from Aug 2. Schools will be conducting physical classes right from pre-primary to senior secondary level. pic.twitter.com/prxXGelG59
— Government of Punjab (@PunjabGovtIndia) August 1, 2021
अधिकारियों ने कहा कि राज्य भर में सभी कक्षाओं के लिए स्कूल फिर से खुल गए। इससे पहले, पंजाब में प्री-प्राइमरी और कक्षा पहली और दूसरी के लिए स्कूल करीब 10 महीने बंद रहने के बाद इस साल फरवरी में फिर से खोले गए थे। पिछले साल मार्च में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद स्कूलों को बंद कर दिया गया था।
दो अगस्त से सभी कक्षाओं के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय लेने से पहले, सरकार ने 26 जुलाई से कक्षा 10वीं से 12वीं के लिए स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति दे दी थी। स्कूल फिर से जाने के लेकर बच्चे उत्साहित दिखे।
लुधियाना में लंबे अंतराल के बाद फिर से स्कूल जाने को लेकर बच्चे खुश दिखे। लुधियाना के डीएवी पब्लिक स्कूल बीआरएस नगर में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली रिधी ने स्कूलों को फिर से खोलने के फैसले पर खुशी का इज़हार किया। उन्होंने कहा, “ हम घर में रह-रह कर उकता गए थे।” कुछ अभिभावक ऐसे हैं जिन्होंने महामारी के बीच फिर से स्कूल खोलने पर आशंका व्यक्त की हैं।
दीपक सोनी के पोते-पोती लुधियाना के सेंट पॉल मित्तल स्कूल में पढ़ते हैं। उन्होंने पूछा, “क्या कोविड-19 महामारी खत्म हो गई? क्या यह स्कूलों को फिर से खोलने का सही वक्त है?”
पंजाब की मुख्य विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को फिर से खोलने के फैसले को लेकर व्यक्त की गई चिंताओं पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने राज्य सरकार से पूछा कि ” डॉक्टरों और शिक्षा विशेषज्ञों की किस रिपोर्ट के आधार पर इतना बड़ा निर्णय लिया गया है।”