नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लद्दाख में पिछले दो महीनों से जारी गतिरोध खतरनाक रुख अख्तियार करता जा रहा है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के मुददे पर जारी बातचीत के बीच एक बुरी खबर आ रही है।
खबरों के अनुसार सोमवार रात को दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हो गई जिसमें एक भारतीय अफसर सहित दो सैनिक शहीद हो गए। वहीं इस झड़प में पांच चीनी सैनिकों के भी मारे जाने की खबरें हैं।
यह खबर ऐसे समय में आई है जब यह उम्मीद बंध रही थी कि इस सीमा-विवाद को दोनों देशों की सेनाएं और दूसरे कूटनीतिक स्तर पर शीघ्र हल कर लिया जाएगा और स्थिति सामान्य हो जाएगी। इस मुद्दे को लेकर 6 जून के बाद से कई राउंड की बातचीत भी चल रही है।
खबरों के अनुसार इस मुद्दे पर उच्च सैनिक अधिकारियों के बीच बातचीत जारी थी और दोनों देशों की सेना कुछ किमी. तक पीछे हटी थीं। लेकिन जब ये प्रक्रिया चल रही थी, उसी दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई। खबरों के अनुसार इस झड़प में किसी भी तरफ से कोई गोली नहीं चली है सिर्फ राड और डंडों से हुए एक दूसरे पर किए हमले में इन सैनिकों की मौत हुई है।
भारतीय सेना की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि , ‘गलवान घाटी में सोमवार की रात को डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं। दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस वक्त इस मामले को शांत करने के लिए बड़ी बैठक कर रहे हैं’
इस घटना के बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर भारत पर चीनी क्षेत्र में घुसपैठ करने का आरोप लगाया गया है। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, बीजिंग का आरोप है कि भारतीय सैनिकों ने बॉर्डर क्रॉस करके चीनी सैनिकों पर हमला किया था। चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत ऐसी स्थिति में एकतरफा कार्रवाई ना करे।
उल्लेखनीय है कि भारत-चीन लद्दाख सीमा पर यह विवाद मई महीने की शुरुआत से है और कई दौर के बातचीत के बाद भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। चीनी सैनिकों ने भारत द्वारा तय की गई LAC को पार कर लिया था और पेंगोंग झील, गलवान घाटी के पास आ गए थे। चीन की ओर से यहां पर करीब पांच हजार सैनिकों को तैनात किया गया था, इसके अलावा सैन्य सामान भी इकट्ठा किया गया था।
भारत-चीन सीमा विवाद पर प्रधानमंत्री कार्यालय भी नजर बनाए हुए था और प्रमुख सुरक्षा सलाहकार अजीत ढोबाल से भी जानकारी ले रहे थे। वहीं दूसरी तरफ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी इस पर लगातार अपडेट ले रहे थे और दो दिन पहले ही उन्होंने एक बयान जारी कर कहा था कि चीन के साथ सैन्य और डिप्लोमेट के लेवल पर बात की जा रही है, दोनों देश शांति चाहते हैं और देश का सम्मान झुकने नहीं दिया जाएगा।
भारत की ओर से लगातार मांग की जा रही थी कि चीनी सेना अप्रैल से पहले की स्थिति को लागू करे। यानी अप्रैल से पहले जहां पर चीनी सेना थी, वहां पर वापस पहुंचे। चीन की ओर से LAC रेखा को अलग माना जाता है, लेकिन भारत LAC को अलग रेखा तक लेकर चलता है। इसी को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद होता रहा है। लगभग 50 साल के बाद ऐसी स्थिति बनी है, जब LAC के पास भारत और चीन के बीच इस तरह की स्थिति पैदा हुई है।