Ayodhya Ram Mandir : निर्माण कार्य में समतलीकरण के दौरान मिली देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां


राममंदिर निर्माण मेंसमतलीकरण के दौरान देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां, 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तंभ व 6 रेड सैंड स्टोन के स्तंभ और 5 फुट आकार के नक्काशीयुक्त शिवलिंग की आकृति प्राप्त हुई हैं।



सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के तहत राममंदिर निर्माण कार्य जारी है। इसी बीच बुधवार को समतलीकरण के दौरान देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां,अन्य कलाकृतियां के पत्थर,7 ब्लैक टच स्टोन के स्तंभ व 6 रेड सैंड स्टोन के स्तंभ और 5 फुट आकार के नक्काशीयुक्त शिवलिंग की आकृति प्राप्त हुई हैं।

कोरोना संकट में जारी है राममंदिर निर्माण कार्य 

कोरोना संकट के कारण घोषित लॉकडाउन के चलते राममंदिर का निर्माण कार्य प्रभावित रहा। निर्माण की गति मंद है मगर परिसर में राममंदिर निर्माण कार्य अब धीरे-धीरे गति पकड़ चुका है।

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि लॉकडाउन में रियायत मिलने के बाद 11 मई से भावी मंदिर के निर्माण के लिए भूमि के समतलीकरण एवं पुराने गैंग-वे को हटाने का काम जारी है।

कोरोना महामारी के संबंध में समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करते हुए मशीनों का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, मास्क समेत अन्य सभी सुरक्षा उपायों का प्रयोग किया जा रहा है। 

पुरातात्विक वस्तुओं को ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा संरक्षित 

खुदाई के दौरान अब तक देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प, कलश, आमलक, दोरजांब, विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां, मेहराब के पत्थर,सात ब्लैक टच स्टोन के स्तंभ,आठ रेड सैंड स्टोन के स्तंभ, पांच फीट आकार की नक्काशी युक्त शिवलिंग की आकृति आदि पुरातात्विक वस्तुएं प्राप्त हुईं हैं। 

हालांकि ट्रस्ट की ओर से अवशेष मिलने की जानकारी तो विस्तार से दी गई है,लेकिन अवशेष के बारे में कुछ विस्तार से नहीं बताया गया है। बताया जा रहा है कि विशेषज्ञों के निरीक्षण के बाद ही इस पर विस्तार रूप से बताया जा सकता है।

चरणबद्ध तरीके से प्रगति पर है राममंदिर का निर्माण कार्य 

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि चरणबद्ध तरीके से काम को अंजाम दिया जा रहा है। ट्रस्ट की अगली बैठक व भूमि पूजन का निर्णय देश की परिस्थिति पर निर्भर करता है। इस कार्य में तीन जेसीबी, एक क्रेन,दो ट्रैक्टर व दस मजदूर लगे हैं। जेसीबी के जरिए गर्भगृह के चारों तरफ के मलबे को हटाया जा रहा है। इसी प्रकार दर्शन मार्ग पर दर्शनार्थियों के लिए बनाए गए गैंग-वे की बैरीकेडिंग को हटाने का भी काम जारी है। 

क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

9 नवंबर को दिए ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने पूरी 2.77 एकड़ जमीन रामलला पक्ष को दी थी। कोर्ट ने मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार को एक ट्रस्ट बनाने के लिए कहा था।

5 जजों का यह एकमत फैसला उपलब्ध तथ्यों के आधार पर विवादित ज़मीन पर मुसलमानों की तुलना में हिंदू दावे के मजबूत होने के चलते दिया गया था।

साथ ही कोर्ट ने माना था कि 1857 से लेकर 1949 तक मुसलमानों ने वहां नमाज पढ़ी। 1949 इमारत में मूर्ति रख कर मुसलमानों को जबरन वहां से भगाया गया। 6 दिसंबर 1992 मस्ज़िद को तोड़ दिया गया था। इसलिए, कोर्ट ने पूरा इंसाफ करने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही किसी वैकल्पिक जगह पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था।



Related