विवादित बयानों वाले भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा, कांग्रेस से रखे सोशल डिस्टेंसिंग


भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक सुरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि देश को कांग्रेस से बचाना है तो जनता को कांग्रेस से वोट की ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ रखनी होगी।



बलिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक सुरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि देश को कांग्रेस से बचाना है तो जनता को कांग्रेस से वोट की ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ रखनी होगी। बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र से विधायक सिंह ने शुक्रवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, देश को कांग्रेस से बचाना है तो जनता को कांग्रेस से वोट की सोशल डिस्टेंसिंग रखनी होगी। उन्होंने कांग्रेस को राजनैतिक दाद-खाज और समाज के लिए बीमारी करार दिया। सुरेंद्र सिंह अपने बयानों के लिए हमेशा विवाद में रहते हैं। उनके पिछले कुछ विवादित बोल इस प्रकार रहे हैं
मुस्लिम और ईसाई सोच वाली जगहों पर भारत की संस्कृति दुर्बल है
जहां भी मुस्लिम और ईसाई सोच के लोग अधिक हैं, वहा भारत की संस्कृति दुर्बल है। किसी भी भू भाग में देश सबल वहीं है, जहां हिंदूवादी सोच के लोग ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि जौहर विश्वविद्यालय में आतंकवादी पैदा किए जाते हैं।
विधायक की बेटी साक्षी की शादी का फैसला काम वासना से वशीभूत
बरेली से बीजेपी विधायक की बेटी साक्षी को लेकर कहा था कि उसने शादी का निर्णय काम वासना से वशीभूत होकर लिया  है, जिसको कहीं से भी अच्छा नहीं कहा जा सकता है। साक्षी का निर्णय गलत है, जिसके पश्चाताप भविष्य में साक्षी को करना पड़ेगा।
मुस्लिम धर्म में बच्चे पैदा करना जानवरी प्रवृति
आजम खां के बयान की 3 बच्चे पैदा करने वालों को फांसी की सजा पर विधायक सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि मुस्लिम धर्म में बच्चे पैदा करना जानवरी प्रवृति है। इस्लाम में 50 औरत रखिए 1050 बच्चे पैदा कीजिए ये कोई परंपरा नहीं है, ये तो एक जानवरी प्रवृति है। विधायक ने कहा प्रकृति प्रदत्त 3 या 4 बच्चे उसमें कोई बात नहीं है।
SC/ST एक्ट की वजह से आज भी जातिवाद जिंदा
बीजेपी MLA सुरेंद्र सिंह ने कहा की – SC/ST एक्ट की वजह से आज भी जातिवाद जिंदा है। अगर इस एक्ट को निरस्त कर दिया गया तो देश में छुआछूत नहीं रहेगी। एससी, एसटी एक्ट और आरक्षण ने देश में जातिवाद को जिंदा रखा हुआ है।
अधिकारियों से बेहतर तो वेश्याएं
उन्होंने कहा कि अधिकारियों से बेहतर तो वेश्याएं हैं, जो पैसे लेकर काम तो करती हैं. अधिकारी पैसे लेकर भी काम करेगा कि नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है।



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