कराची। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार द्वारा भारत से कपास के आयात के प्रस्ताव को खारिज किए जाने से कपड़ा उद्योग निराश है। मीडिया की खबरों के अनुसार कपड़ा उद्योग पहले ही काफी संघर्ष कर रहा है। कपड़ा उद्योग का कहना है कि कपास का आयात आज समय की जरूरत है।
प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुवाई वाले मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को भारत से कपास आयात के उच्चस्तरीय समिति के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दोहराया कि जब तक भारत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल नहीं करता है, तब तक उसके साथ हमारे संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं।
पाकिस्तान के अपैरल फोरम के चेयरमैन जावेद बिलवानी के हवाले से ‘द डॉन’ अखबार ने कहा है कि कैबिनेट के फैसले से कपड़ा निर्यात उद्योग निराश है। कोविड-19 महामारी की वजह से पहले से दबाव झेल रहा कपड़ा उद्योग भारत सहित दुनिया के अन्य हिस्सों से सूती धागे के शुल्क-मुक्त आयात की मांग कर रहा है।
बिलवानी ने वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद के भारत से कपास और सूची धागे के आयात की सिफारिश को समय की जरूरत करार दिया। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल को इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।