RUSSIA-UKRAINE CRISIS: अनेक देशों द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंधों का रूस ने दिया जवाब, कहा- ‘कुछ देशों के साथ रोके जा रहे हैं आयात-निर्यात’


रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुछ देशों में उत्पादों और कच्चे माल के आयात और निर्यात पर रोक लगाने वाले एक आधिकारिक आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं…


बबली कुमारी बबली कुमारी
विदेश Updated On :

13वें दिन भी रूस और यूक्रेन के बीच जारी है। यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्री विक्टर ल्याशको का कहना है कि रूसी सेना ने इमारतों और चिकित्सा उपकरणों को नुकसान पहुंचाया है। कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने यूक्रेन के 61 अस्पतालों को नष्ट कर दिया है।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुछ देशों में उत्पादों और कच्चे माल के आयात और निर्यात पर रोक लगाने वाले एक आधिकारिक आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं।

अमेरिका ने रूस से तेल आयात पर बैन लगा दिया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। सुरक्षा विशेषज्ञ इस कदम को बहुत बड़ी कार्रवाई मानते हुए कह रहे हैं कि यही एक ऐसा कदम है जो रूस को कदम पीछे हटाने पर मजबूर कर सकता है। हालांकि माना जा रहा है कि इस कार्रवाई का असली असर तभी होगा जबकि यूरोपीय देश भी इसे लागू करें। लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कितने यूरोपीय देश यह कदम उठा पाएंगे। हालांकि ब्रिटेन ने मंगलवार को कहा है कि वह साल के आखिर तक रूस से तेल का आयात चरणबद्ध तरीके से बंद कर देगा।

अमेरिका के मुकाबले रूस पर यूरोप की ऊर्जा निर्भरता कहीं ज्यादा है। सऊदी अरब के बाद रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक है। लेकिन अमेरिका उससे थोड़ी मात्रा में ही तेल आयात करता है जिसका विकल्प खोजना आसान है। लेकिन यूरोप के लिए निकट भविष्य में तो ऐसा करना आसान नहीं दिखता।

रूस ने दी धमकी : अनेक देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और चेतावनियों के बाद रूस की तरफ से धमकी दी गई है कि, ‘तेल को प्रतिबंधित करने से इसके दाम 300 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकते हैं और जो गैस की पाइपलाइन जर्मनी तक जाती है उसको रोक दिया जाएगा।’ उधर अमेरिका रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर लगातर दबाव बनाने की हर संभव कोशिश कर रहा है। जिसके लिए अमेरिका ने अपने सभी सहयोगी यूरोपीय देशों से कहा है कि, वह सभी गैस और तेल को रूस से आयात न करे। बता दें, साल 2008 के बाद से अब तक का सबसे ज्यादा दुनिया भर में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह दाम 139 डॉलर प्रति बैरल तक हो गया है।

अमेरिकी प्रतिबंध का असर
अमेरिका में गैसोलिन के दाम ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं। बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन की मांग मानते हुए रूस से तेल आयात पर प्रतिबंध का ऐलान कर दिया है। हालांकि रूस पर इसका बहुत ज्यादा असर होने की संभावना नहीं है क्योंकि अमेरिका बहुत कम तेल रूस से खरीदता है और प्राकृतिक गैस तो बिल्कुल नहीं लेता है।

पिछले साल अमेरिका के कुल पेट्रोलियम आयात का सिर्फ 8 प्रतिशत रूस से आया था। 2021 में इसकी मात्रा 24.50 करोड़ बैरल थी, यानी लगभग 6,72,000 बैरल प्रतिदिन। लेकिन रूस से आयात रोजाना घट रहा है क्योंकि खरीदार भी रूसी तेल को ना कह रहे हैं।



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