WHO ने धरावी झुग्गी बस्ती में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के प्रयासों की तारीफ की


भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में स्थित धारावी बस्ती 2.5 वर्ग किलोमीटर
में फैली है जहां की आबादी 6,50,000 है। इस बस्ती में लोग संकीर्ण रास्तों
और खुले नालों-गटरों के साथ जर्जर इमारतों और झोंपड़ियों में रहते हैं।


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जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने विश्व की सबसे बड़ी मलिन बस्तियों में से एक धारावी में कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के प्रयासों की सराहना की है और वैश्विक महामारी को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय एकता एवं वैश्विक एकजुटता के साथ सामुदायिक सहभागिता की जरूरत को रेखांकित किया। भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में स्थित धारावी बस्ती 2.5 वर्ग किलोमीटर में फैली है जहां की आबादी 6,50,000 है। इस बस्ती में लोग संकीर्ण रास्तों और खुले नालों-गटरों के साथ जर्जर इमारतों और झोंपड़ियों में रहते हैं।

धारावी में पहला कोविड-19 मरीज एक अप्रैल को मिला था। इससे करीब तीन हफ्ते पहले 11 मार्च को मुंबई में पहला संक्रमित व्यक्ति मिला था। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक तेदरोस अधानोम गेब्रेयसस ने यहां शुक्रवार को डिजिटल प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वभर से कई उदाहरण हैं जो दिखाते हैं कि भले ही प्रकोप प्रचंड हो लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। गेब्रेयसस ने कहा, “और इनमें से कुछ उदाहरण हैं इटली, स्पेन और दक्षिण कोरिया तथा धारावी में भी- जो मुंबई महानगर का बेहद घनी आबादी वाला क्षेत्र है।”

धारावी में शुक्रवार को कोविड-19 के 12 नए मामले आने के साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 2,359 हो गई। समूची मुंबई में कोविड-19 के 88,000 मामले सामने आए हैं और 5,129 लोगों की मौत हुई है। मुंबई के धारावी में इस समय केवल 166 मरीज उपचाराधीन हैं और 1,952 मरीजों को अब तक अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है। ग्रेबेयसस ने इस बात पर भी जोर दिया कि राष्ट्रीय एकता एवं वैश्विक एकजुटता के साथ आक्रामक कार्रवाई ही कोविड-19 वैश्विक महामारी को खत्म कर सकती है। उन्होंने वायरस को नियंत्रित करने के लिए नेतृत्व, सामुदायिक सहभागिता और सामूहिक एकजुटता के महत्व पर भी जोर दिया।



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