सरकारी वकील द्वारा महिला वकील से दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब

जेपी सिंह
उत्तर प्रदेश Updated On :

उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को एक महिला वकील से दुष्कर्म के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया। उच्चतम न्यायालय उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एक सरकारी वकील द्वारा महिला वकील से कथित दुष्कर्म करने की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है। जस्टिस रोहिंग्टन एफ नरीमन, जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने इस याचिका पर यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

शिकायतकर्ता की दोस्त की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर रिट याचिका में कहा गया है कि इस मामले में जैसे एफआईआर दर्ज हुई है और जिस तरीके से जांच चल रही है, उससे शिकायतकर्ता का राज्य पुलिस के ऊपर से विश्वास खत्म हो गया है। इस कारण मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जानी चाहिए। याचिका में आरोपी के सरकारी वकील होने के चलते जांच को प्रभावित करने की आशंका भी जताई गई है। कथित आरोपी शैलेंद्र सिंह चौहान इलाहाबाद हाईकोर्ट में एडिशनल स्टैंडिंग काउंसिल है।

इसके पहले कथित आरोपी चौहान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर निरस्त करने की गुहार की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एफआईआर निरस्त करने से इनकार कर दिया था। लेकिन साथ ही हाईकोर्ट ने चौहान को भी अंतरिम राहत देते हुए अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। उच्चतम न्यायालय ने बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी थी।न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एक एसएलपी पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया था।

वकील पर दिल्ली की एक युवा प्रैक्टिसिंग वकील ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है और मामले में गोमती नगर क्षेत्र के विभूति खंड पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 328, धारा 354ए (यौन उत्पीड़न) और धारा 376 (बलात्कार) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। चौहान ने यह कहते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया कि उसके ऊपर लगाए गए आरोप झूठे हैं और इसलिए, उसके खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी को खारिज कर दिया जाना चाहिए। एफआईआर ख़ारिज किए जाने की सरकारी वक़ील की दलील सुनने के बाद न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति राजीव सिंह की लखनऊ खंडपीठ ने कहा था कि एफआईआर पर ग़ौर करने के बाद प्रथम दृष्टया हम इस बात से संतुष्ट हैं कि इस मामले में याचिकाकर्ता (आरोपी) को गिरफ़्तार नहीं किया जाए।

लखनऊ के विभूतिखंड थाना क्षेत्र में युवती ने अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह चौहान पर नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। मामले में एफआईआर दर्ज करवाई गई है।गोमती नगर निवासी पीड़िता शुक्रवार को दोपहर सवा 11 बजे एक फ़ाइल के सिलसिले में अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह चौहान के गोमती टिम्बर स्थित चैंबर गई थी। पीड़िता का आरोप है कि वहां अधिवक्ता ने उसे सेब के जूस में कुछ मिलाकर दिया। मुझे स्वाद कुछ अजीब लगा तो वह बोले कि जूस पुराना है और स्वाद ऐसा हो जाता है। उसने कहा कि मुझे चक्कर आने लगा तो वो मुझे वॉशरूम ले गए, जहां मैंने अपना होश खो दिया। उसके बाद उन्होंने मेरे ऊपर व्हिस्की जैसा कुछ डाला। मेरे चिल्लाने के बाद भी मुझे नहीं छोड़ा। ढाई बजे मुझे जब होश आया तब मैं वहां से भागकर घर आई। रात को थाने पहुंच एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी।



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