अखाड़ा परिषद ने पालघर घटना की कड़ी निंदा की


अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में जूना अखाड़ा के दो संतों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किये जाने की घटना की रविवार को कड़ी निंदा की। साथ ही, सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों से अनुरोध किया है कि लॉकडाउन के दौरान यदि कोई संत- महात्मा ब्रह्मलीन होता है तो उसकी समाधि में न जाएं।



अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में जूना अखाड़ा के दो संतों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किये जाने की घटना की रविवार को कड़ी निंदा की। साथ ही, सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों से अनुरोध किया है कि लॉकडाउन के दौरान यदि कोई संत- महात्मा ब्रह्मलीन होता है तो उसकी समाधि में न जाएं।

महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि ये संत महात्मा, एक संत की समाधि में शामिल होने जा रहे थे और उन्हें जाना भी चाहिए, लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि लॉकडाउन में इसके लिए उन्हें प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी चाहिए थी। उल्लेखनीय है कि यह घटना बृहस्पतिवार रात हुई थी, जब भीड़ ने चोर होने के संदेह में तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी। मृतकों में जूना अखाड़ा के दो संत भी शामिल हैं।

गिरि ने कहा कि पुलिस के सामने इस तरह से संतों को घेर कर लाठी डंडे से मारा जाना एक गंभीर मामला है और इस बात की जांच होनी चाहिए कि कहीं कोरोना वायरस महामारी के बहाने साधु संतों को निशाना तो नहीं बनाया जा रहा।
110 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी 
इस घटना के बाद एफआईआर दर्ज हुई है। पुलिस ने 110 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 101 लोगों को 30 अप्रैल तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया है। इसमें शामिल 9 नाबालिगों को जुवेनाइल सेंटर में भेज दिया गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट में इसकी जानकारी दी। इसके अलावा एक ट्वीट में 2 साधु, एक ड्राइवर और पुलिस कर्मियों पर हमले की घटना पर हुई कार्रवाई की जानकारी दी गई है।

200 लोगों की भीड़ ने किया था हमला

बता दें कि महाराष्ट्र के पालघर जिले में करीब 200 लोगों की भीड़ ने चोर होने के शक में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। बाद में इनमें से दो लोगों के साधु होने की पुष्टि हुई, जबकि तीसरा शख्स ड्राइवर बताया गया। यह घटना उस समय हुई, जब गुरुवार रात ये लोग मुंबई के कांदीवली से कार में सवार होकर गुजरात के सूरत जा रहे थे। घटना को लेकर विपक्ष महाराष्ट्र के उद्धव सरकार पर लगातार हमलवार है।



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