
लखनऊ। लॉकडाउन में प्रदेश में 50,000 से ज्यादा श्रमिक और छात्र उत्तर प्रदेश लौट चुके हैं। श्रमिकों व कामगारों के ट्रेन से आने का सिलसिला जारी है। रेलवे स्टेशन पहुंचने पर प्रत्येक श्रमिक का चेकअप करने के बाद उन्हें यूपी रोडवेज की बसों से संबंधित जिलों में भेजा जा रहा है। जहां उनका दोबारा चेकअप होने के बाद ‘होम क्वारंटाइन’ में भेजा जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर राज्य से यूपी के लोगों को वापस लाने के लिए व्यवस्था करने का आदेश दिया है। उन्होंने ये काम 10 से 15 दिनों में जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मण्डल में कम से कम एक ट्रेन जरूर आ जाए। यानी 18-20 ट्रेन प्रतिदिन आ जाएंं।
अपर मुख्य सचिव गृह, अवनीश अवस्थी ने सोमवार को बताया कि हरियाणा से 11,000 से अधिक, मध्य प्रदेश से 6,000 से अधिक, राजस्थान से 11,000, उत्तराखण्ड से 1500 लोग उत्तर प्रदेश लौट चुके हैं। राजस्थान से कोटा से 12000 छात्र-छात्राओं को प्रदेश सरकार ने सुरक्षित तरीके से वापस लाकर यहां उनके घरों तक पहुंचाया। इसी तरह प्रयागराज जनपद से 15,000 छात्रों को उनके गृह जनपदों में पहुंचाया गया।
उन्होंने बताया कि गुजरात से दो ट्रेनें आगरा और कानपुर आ चुकी हैं। गुजरात से पांच जगहों अहमदाबाद, बनासकांठा, बड़ौदा, नडियाद, खेड़ा से उत्तर प्रदेश के लिए ट्रेनें चल चुकी हैं। जो आगरा, गोरखपुर और जौनपुर आदि जगहों पर पहुंच रही हैं।
गुजरात के अलावा महराष्ट्र से दो ट्रेनें आ चुकी हैं। इनमें एक ट्रेन से 1073 और दूसरी ट्रेन से 1200 लोग प्रदेश में वापस लौटे हैं। नागपुर और अमरावती से दो ट्रेनें लखनऊ आ रही हैं।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र से छह ट्रेनें प्रतिदिन बुलायी जा रही हैं। इसी तरह गुजरात से भी छह ट्रेनें प्रतिदिन आ रही हैं। पंजाब सरकार से भी बातचीत हो चुकी है। लुधियाना, अमृतसर, चंडीगढ़ से एक दो दिन में ट्रेनों का आना शुरू हो जायेगा। कर्नाटक में बेंगलुरु से पहली ट्रेन यहां लाने पर सहमति बन चुकी है। केरल से भी ट्रेन यहां पहुंचेगी।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जिन राज्यों में उत्तर प्रदेश के श्रमिक मौजूद हैं, वहां या तो पत्र भेज दिया गया है, या भेजा जा रहा है कि वह यूपी के लोगों को ट्रेनों से भेजने की व्यवस्था करें, हम इसके लिए तैयार हैं।