KGMU करेगा तीन तरह की जांच किट का परीक्षण ः प्रो. भट्ट


केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट नेबताया कि किट का निर्माण करने वाली संस्थाएं केजीएमयू को परीक्षण के लिए किट भेजेंगी। केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की लैब में इनका परीक्षण किया जाएगा।यदि किट सभी तरह की गुणवत्ता के मानकों को पूरा करेगी तो उसे परीक्षण में पास होने का प्रमाणपत्र दे दिया जाएगा।



लखनऊ। केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने बताया कि अब यहां पर वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया, वीटीएम किट्स और आरएनए एक्सट्रेक्शन किट्स एवं आरटीपीसीआर किट्स फॉर कोविड-19 को प्रमाणित किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि किट का निर्माण करने वाली संस्थाएं केजीएमयू को परीक्षण के लिए किट भेजेंगी। केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की लैब में इनका परीक्षण किया जाएगा। यदि किट सभी तरह की गुणवत्ता के मानकों को पूरा करेगी तो उसे परीक्षण में पास होने का प्रमाणपत्र दे दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केजीएमयू ने अभी तक किसी भी व्यावसायिक किट को प्रमाणित नहीं किया है। संस्थान को अभी तक आरटीपीसीआर किट्स आइसीएमआर से उपलब्ध कराई जा रही है। अभी तक किट्स का प्रमाणीकरण सिर्फ एनआइवी पुणे करता था, लेकिन अब केजीएमयू भी करेगा। 

उन्होंने बताया कि तीन किट्स में वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया एक ट्यूब है, जिसमें नमूने इकट्ठे किए जाते हैं। इसलिए इसका उच्चकोटि का होना आवश्यक है। अन्यथा जांच सही नहीं आएगी। जबकि आरएनए एक्सट्रेक्शन किट्स में संक्रमण का आरएनए अथवा जीनोम निकाला जाता है।
तीसरी किट्स आरटीपीसीआर है, जिसके माध्यम से कोविड-19 के न्यूक्लिक एसिड की पहचान की जाती है। वर्तमान समय में केजीएमयू में सिर्फ आरटीपीसीआर से जांच की जा रही है।  कुलपति ने कहा कि अभी प्रदेश के 20 प्रयोगशालाओं में कुल पांच हजार कोरोना जांच की सुविधा है। शीघ्र ही इसे 10 हजार किया जाएगा।



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