
नई दिल्ली। कांग्रेस ने किसान संगठनों की ओर से आहूत ‘भारत बंद’ से एक दिन पहले सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को अहंकार छोड़कर किसानों के मन की बात सुननी चाहिए और कृषि से संबंधित ‘काले कानूनों’ को वापस लेना चाहिए।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि सरकार को कृषि कानूनों को रद्द करना होगा और इससे कम, कुछ भी मंज़ूर नहीं होगा। उन्होंने लिखा ‘अदानी-अंबानी कृषि क़ानून’ रद्द करने होंगे। और कुछ भी मंज़ूर नहीं!
‘अदानी-अंबानी कृषि क़ानून’ रद्द करने होंगे।
और कुछ भी मंज़ूर नहीं!The ‘Adani-Ambani Farm Laws’ have to be revoked.
Nothing less is acceptable.— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 7, 2020
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा, देश का किसान राजनीतिक दायरे से ऊपर उठकर एकजुट है। हरित क्रांति में नेतृत्व की भूमिका निभाने वाले पंजाब ने खेती व्यापारीकरण के खिलाफ क्रांति की है। हमें गर्व है कि कांग्रेस किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘इस कानून की मूल भावना ही सवालों के घेरे में है। दाल में काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है। आज किसानों की परीक्षा नहीं है, बल्कि सरकार की परीक्षा है कि क्या वह सबको साथ लेकर चल सकती है?’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर भाजपा सरकार के लोग किसानों की बात नहीं सुनने चाहते हैं तो उन्हें आरएसएस से जुड़े संगठनों स्वदेशी जागरण मंच और भारतीय किसान संघ की बात सुननी चाहिए।
उन्होंने कहा, हम प्रधानमंत्री से आग्रह करना चाहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द हल निकाला जाए। सरकार अहंकार छोड़कर किसानों के मन की बात सुने और इन काले कानूनों को वापस ले।’’ जाखड़ ने यह भी कहा कि इस मामले पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।
उधर, पंजाब से जुड़े कई कांग्रेस सांसदों ने कृषि कानूनों के खिलाफ और प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने किसान संगठनों की ओर से आठ दिसंबर को आहूत ‘भारत बंद’ का समर्थन किया है।