
वाशिंगटन। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक शीर्ष अधिकारी ने आरोप लगाया है कि भारत में संगठन के बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगाए जाने के बाद उसे वहां से अपने सभी कर्मचारियों को हटाने और सभी मानवाधिकार कार्यों को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए में ‘एडवोकेसी एंड गवर्नमेंट अफेयर्स ’ की राष्ट्रीय निदेशक जोन लिन ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों पर अमेरिकी संसद की सुनवाई के दौरान ये आरोप लगाए।
उल्लेखनीय है कि भारत के गृह मंत्रालय ने अक्टूबर में कहा था कि संगठन का यह दावा कि उसे चुनिंदा तरीके से निशाना बनाया गया, दुर्भाग्यपूर्ण है और बढ़ा चढ़ा कर कही गई बात है जो सच्चाई से कोसों दूर है।