नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर तीन सप्ताह से देश के किसान राष्ट्रीय राजधानी के अलग-अलग बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि अब ये मामला सर्वोच्च न्यायालय में चला गया है और शीर्ष अदालत में सरकार और किसान संगठनों से जवाब मांगा है। बृहस्पतिवार को दिल्ली में राजनीतिक लिहाज से काफी हलचल रही।
एक ओर जहां केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के चलते संसद का शीतकालीन सत्र रद्द कर दिया वहीं, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली विधानसभा में नए कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़कर विरोध जताया। इसमें खुद सीएम अरविन्द केजरीवाल भी रहे।
भारी हंगामे के बीच दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र दोपहर दो बजे से शुरू हुई। उत्तरी नगर निगम में 2400 करोड़ की हेराफेरी का आरोप लगाते हुए केजरीवाल सरकार ने यह स्पेशल सत्र बुलाया था। सदन में सबसे पहले केंद्र के तीन कृषि कानूनों पर चर्चा हो रही थी।
इस दौरान मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने नए कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ दीं और केंद्र सरकार पर किसान विरोधी काम करने व साथ ही कॉर्पोरेट जगत को फायदा पहुंचने का आरोप लगाया। यही नहीं कई मंत्रियों व विधयकों ने भी नए कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़कर विरोध दर्ज किए।
आम आदमी पार्टी की ओर से भी सोशल मीडिया पर इसका वीडियो शेयर किया गया है जिसमें दिल्ली के सीएम केजरीवाल यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि ये हैं नए कृषि कानून और फिर नए कानून की प्रतियां फाड़ देते हैं।
किसानों के मुद्दे पर चर्चा करते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली की सीमा पर देश का किसान बैठा है, 12 किसानों की अब तक मौत हो चुकी है। एक किसान ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। आज दिल्ली की सीमाओं पर अव्यवस्था है।
राय ने कहा कि यदि आंदोलन के लिए रामलीला मैदान में अनुमति दी गई होती तो ये हालात नही होते। इसके लिए केंद्र की भाजपा सरकार जिम्मेदार है। किसान का मसला केवल जिद पर अटका हुआ है। गोपाल राय ने भी कृषि कानूनों की प्रति फाड़ दी।
इससे पहले कृषि कानूनों को लेकर राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन में चर्चा शुरू की। इस बीच सदन में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने जय जवान, जय किसान का नारा लगाया। कृषि कानूनों को लेकर सदन में चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायक महेंद्र गोयल ने तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ते हुए इसे किसान विरोध बताया।
सदन में आम आदमी पार्टी के मंत्रियों और विधायकों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मौन है। केंद्र सरकार जब मान रही है कि कानून में कमियां हैं तो क़ानून निरस्त क्यों नही कर रही है। आप विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि कानून किसान विरोधी हैं, किसानों को बर्बाद करने की साजिश है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों की पीठ में छुरा भोंपा है। कैप्टन अपने बेटे को ईडी से बचाने के लिए केंद्र से मिल गए। ये कृषि कानून अंबानी और अडानी को लाभ पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं। सोमनाथ भारती ने भी तीनों कृषि कानूनों की प्रतियों को फाड़ दिया।