
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड को लेकर जो कुछ भी हुआ, वो भारतीय इतिहास में शायद कभी नहीं हुआ था। मंगलवार को उपद्रवियों ने राजधानी दिल्ली के कई जगहों पर जमकर हिंसा की और उत्पात मचाया। सरकारी संपत्ति को नुक्सान पहुंचाने के साथ-साथ सुरक्षाबलों को भी नहीं बख्शा। लोकतंत्र के सबसे बड़े इस उत्सव के दौरान हुई इस घटना से देश की अस्मिता को एक बड़ा आघात लगा है। दिल्ली में हुए उपद्रव को लेकर अभिनेता दीप सिद्धू का नाम सामने आ रहा है।
सोशल मीडिया ट्वीटर पर दीप सिद्धू नाम से ट्रेंड चल रहा है और यूज़र्स के अलावा राजनीतिक पार्टी के लोग भी सिद्धू को लेकर भाजपा खासतौर पर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे हैं। दरअसल, सिद्धू का पीएम मोदी और सांसद सनी देओल के साथ एक फोटो खूब वायरल हो रहा है, जिसको लेकर विपक्षी पार्टियां बीजेपी पर हमलावर हैं। सिद्धू पर आरोप है कि वे लाल किले पर झंडा फहराये और किसानों को भड़काया।
26 जनवरी को कहाँ और कैसे रैली निकालनी है, लाल क़िले तक सेफ़ पैसेज पाकर कैसे और क्या करना है? इसी बात की मीटिंग है क्या ये ??
लाल घेरे में दीप सिद्धू, बीजेपी प्रचारक है जिसकी प्रधानमंत्री, गृहमंत्री तक पहुँच है।
लाल क़िले में इसी बंदे ने रैली का नेतृत्व किया था। pic.twitter.com/0LdgUJDHSg
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) January 26, 2021
गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड के दौरान लालकिले पर प्रदर्शनकारियों द्वारा धार्मिक झंडा फहराये जाने की घटना के दौरान मौजूद रहे अभिनेता दीप सिद्धू ने प्रदर्शनकारियों के कृत्य का यह कह कर बचाव किया कि उन लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया और केवल एक प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर ‘निशान साहिब’ को लगाया था। ‘निशान साहिब’ सिख धर्म का प्रतीक है और इस झंडे को सभी गुरुद्वारा परिसरों में लगाया जाता है।
सिद्धू ने फेसबुक पर पोस्ट किये गए एक वीडियो में दावा किया कि वह कोई योजनाबद्ध कदम नहीं था और उन्हें कोई साम्प्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए जैसा कट्टरपंथियों द्वारा किया जा रहा है। सिद्धू ने कहा, नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराने के लिए, हमने ‘निशान साहिब’ और किसान झंडा लगाया और साथ ही किसान मजदूर एकता का नारा भी लगाया।
सिद्धू ने कहा कि लालकिले पर ध्वज-स्तंभ से राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया गया और किसी ने भी देश की एकता और अखंडता पर सवाल नहीं उठाया। विभिन्न दलों के नेताओं ने लाल किले पर हिंसा की घटना की निंदा की है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने घटना का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया कि वह शुरुआत से ही किसान प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं लेकिन अराजकता स्वीकार नहीं कर सकते।
कल आन्दोलन में हिंसा को उकसाने वाला दीप सिद्धू भाजपा सांसद हेमा मालिनी के साथ। pic.twitter.com/oSk3AzJgxu
— UP Congress (@INCUttarPradesh) January 27, 2021
किसान आंदोलन से जुड़े सिद्धू ने कहा कि जब लोगों के वास्तविक अधिकारों को नजरअंदाज किया जाता है तो इस तरह के एक जन आंदोलन में गुस्सा भड़क उठता है। उन्होंने कहा, आज की स्थिति में, वह गुस्सा भड़क गया। सिद्धू अभिनेता सनी देओल के सहयोगी थे जब अभिनेता ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान गुरदासपुर सीट से चुनाव लड़ा था। भाजपा सांसद ने पिछले साल दिसंबर में किसानों के आंदोलन में शामिल होने के बाद सिद्धू से दूरी बना ली थी।
सिद्धू ने लालकिले की घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में उसने कहा था कि हमने सिर्फ लालकिले पर निशान साहिब वाला ध्वज फहराया है जो कि हमारा लोकतांत्रिक हक है। वहां पर तिरंगा नहीं हटाया गया था। इस वीडियो को लेकर भी तमाम थ्योरीज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। वहीं दिल्ली के पूरे घटनाक्रम के बाद गुरदासपुर के बीजेपी सांसद सनी देओल ने कहा कि उनका या उनके परिवार का सनी देओल का कोई संबंध नहीं है।
आज लाल क़िले पर जो हुआ उसे देख कर मन बहुत दुखी हुआ है, मैं पहले भी, 6 December को ,Twitter के माध्यम से यह साफ कर चुका हूँ कि मेरा या मेरे परिवार का दीप सिद्धू के साथ कोई संबंध नही है।
जय हिन्द— Sunny Deol (@iamsunnydeol) January 26, 2021
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते एनआईए ने सिद्धू को सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) मामले की जांच के सिलसिले में पेश होने के लिए समन भेजा था, जो पिछले साल 15 दिसंबर को दर्ज किया गया था। लाल किले की घटना के बाद किसान संगठन अब उससे पल्ला झाड़ रहे हैं। यहां तक कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने भी सिद्धू से दूरी बना ली है और उस पर किसानों को लालकिले की ओर ले जाने का आरोप लगाया। एसकेएम ने कहा कि सिद्धू सोमवार रात को एक मंच पर दिखा और भड़काऊ भाषण देकर तोड़फोड़ किया।