
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को विस्तृत वार्ता की, जिसमें द्विपक्षीय रणनीतिक सबंधों को और विस्तार देने, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बदलती स्थिति और आतंकवाद की चुनौती जैसे विषयों पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।
ऑस्टिन तीन देशों की यात्रा के कार्यक्रम के तहत जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा के बाद भारत आए हैं। इस यात्रा को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की क्षेत्र में अपने निकट सहयोगियों एवं साझेदारों के साथ संबंधों को लेकर मजबूत प्रतिबद्धता दर्शाने की कोशिश के तहत देखा जा रहा है।
ऑस्टिन शनिवार सुबह राष्ट्रीय समर स्मारक गए और भारत के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। वार्ता से पहले उन्हें विज्ञान भवन परिसर में सलामी गारद दिया गया। ऑस्टिन ने शुक्रवार को दिल्ली पहुंचने के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से वार्ता की।
Pleasure to meet U.S. @SecDef Lloyd Austin today. Conveyed my best wishes to @POTUS @JoeBiden. India and US are committed to our strategic partnership that is a force for global good. pic.twitter.com/Z1AoGJlzFX
— Narendra Modi (@narendramodi) March 19, 2021
ऑस्टिन ने ट्वीट किया, ‘‘यहां भारत में आकर रोमांचित हूं। दोनों देशों के बीच सहयोग की गहराई हमारी व्यापक रक्षा साझेदारी के महत्व को दर्शाती है और हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर मिलकर काम कर रहे हैं।’’
Thrilled to be here in India. The breadth of cooperation between our two nations reflects the significance of our major defense partnership, as we work together to address the most pressing challenges facing the Indo-Pacific region. pic.twitter.com/0wA88ERrDn
— Secretary of Defense Lloyd J. Austin III (@SecDef) March 19, 2021
ऑस्टिन की यात्रा संबंधी जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि तीन अरब डॉलर से अधिक (अनुमानित) की लागत से अमेरिका से करीब 30 ‘मल्टी-मिशन’ सशस्त्र प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की भारत की योजना पर भी ऑस्टिन और सिंह के बीच चर्चा होने की उम्मीद है।
क्वाड समूह की बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने का संकल्प लेने के कुछ दिनों बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री की भारत की यात्रा हो रही है। चार देशों के इस समूह में भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया शामिल हैं।