नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब से बचाए गए 58 ‘‘बंधुआ मजदूरों’’ की दुर्दशा पर पंजाब सरकार को लिखे गए अपने पत्र को किसान आंदोलन से जोड़ने की मीडिया में आई खबरों को ‘‘तोड़-मरोड़ कर पेश करने’’ और ‘‘गुमराह’’ करने वाला करार दिया।
इसी साथ ही गृह मंत्रालय ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर नियमित संवाद का गलत अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि मीडिया के एक धड़े में गलत तरीके से खबर दी गई कि मंत्रालय ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर राज्य के किसानों के खिलाफ ‘‘गंभीर आरोप’’ लगाए हैं।
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ये खबरें गुमराह करने वाली हैं और पंजाब के चार संवेदनशील सीमावर्ती जिलों से पिछले दो वर्षों में उभरी एक सामाजिक आर्थिक समस्या पर सामान्य टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश करने वाली और अत्यधिक संपादकीय विचारों से युक्त है। इस समस्या के बारे में संबंधित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल ने गृह मंत्रालय का ध्यान आकृष्ट किया है।’’









