मुंबई। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आदर पूनावाला ने कहा कि वह कुछ दिनों में लंदन से भारत लौटेंगे। पूनावाला ने भारत के कोरोना वायरस महामारी की दूसरी खतरनाक लहर से जूझने के कारण बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए कोविड-19 रोधी टीके के उत्पादन को लेकर उन पर बढ़े दबाव के बारे में बात की थी, जिसके बाद उन्होंने भारत लौटने की घोषणा की।
पूनावाला ने मध्यरात्रि को एक ट्वीट किया, ‘‘ब्रिटेन में अपने सभी साझेदारों और सभी पक्षों के साथ शानदार बैठक हुई। इस बीच यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पुणे में कोविशील्ड का उत्पादन पूरे जोर से चल रहा है। कुछ दिनों में लौटने पर मैं काम की समीक्षा करने के लिए उत्साहित हूं।’’
Had an excellent meeting with all our partners & stakeholders in the U.K. Meanwhile, pleased to state that COVISHIELD’s production is in full swing in Pune. I look forward to reviewing operations upon my return in a few days.
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) May 1, 2021
सरकारी सुरक्षा दिए जाने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में पूनावाला ने लंदन के अखबार ‘दि टाइम्स’ के साथ बातचीत में शनिवार को कहा था कि कोविशील्ड वैक्सीन की आपूर्ति की मांग को लेकर भारत के सबसे शक्तिशाली लोगों में से कुछ ने उनसे फोन पर उग्रतापूर्वक बातें की हैं।
सीआईआई भारत में ऑक्सफोर्ड/ एस्ट्राजेनिका की कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड का उत्पादन कर रही है। उन्होंने कहा कि इस दवाब के चलते ही वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ लंदन आ गए हैं।
भारत सरकार के अधिकारियों के अनुसार, पूनावाला को संभावित खतरों को देखते हुए सुरक्षा दी गयी। देश में किसी भी जगह उनके साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान उनकी सुरक्षा में तैनात होंगे। इनमें 4-5 कमांडों होंगे।
पूनावाला ने समाचार पत्र से कहा, ‘‘मैं यहां (लंदन) तय समय से अधिक रूक रहा हूं, क्योंकि मैं उस स्थिति में वापस नहीं जाना चाहता। सब कुछ मेरे कंधों पर पड़ गया है, लेकिन मैं इसे अकेले नहीं कर सकता… मैं ऐसी स्थिति में नहीं रहना चाहता, जहां आप सिर्फ अपना काम करने की कोशिश कर रहे हों, और सिर्फ इसलिए कि आप हर किसी की जरूरत को पूरा नहीं कर सकते, आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि बदले में वे क्या करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों की उम्मीद और उग्रता का स्तर वास्तव में अभूतपूर्व है। यह बहुत अधिक है। सभी को लगता है कि उन्हें टीका लगना चाहिए। वे समझ नहीं सकते कि उनसे पहले किसी और को यह क्यों मिलना चाहिए।’’