
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आठ राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेजों द्वारा नए अकादमिक वर्ष से चयनित शाखाओं में क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम शुरू करने के फैसले का शनिवार को स्वागत किया।
उपराष्ट्रपति ने आशा जताई है कि अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज तथा व्यवसायिक शिक्षा संस्थान भी क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएंगे।
— Vice President of India (@VPSecretariat) July 17, 2021
उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया कि नायडू ने इस पर खुशी जतायी है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एसआईसीटीई) ने नयी शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत बी.टेक कार्यक्रम 11 क्षेत्रीय भाषाओं हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, मलयालम, बंगाली, असमी, पंजाबी और उड़िया में शुरू करने की मंजूरी दी है।
उन्होंने संतोष जाहिर किया कि नई शिक्षा नीति के अनुसार ही, AICTE ने बी. टेक. कार्यक्रमों को हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, मलयालम, बांग्ला, असमिया, पंजाबी और उड़िया – इन 11 भाषाओं में पढ़ाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
— Vice President of India (@VPSecretariat) July 17, 2021
यह फैसला लिए जाने पर सचिवालय ने 11 भाषाओं में ट्वीट किया।
इसमें कहा गया है, ‘‘उपराष्ट्रपति चाहते हैं कि और अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज तथा अन्य तकनीकी शिक्षा संस्थान क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम शुरू करें।’’
उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडु ने 8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेजों द्वारा नए शिक्षा सत्र से कुछ चुने हुए पाठ्यक्रमों को क्षेत्रीय भाषा में भी उपलब्ध कराने का स्वागत किया है।
— Vice President of India (@VPSecretariat) July 17, 2021
मंत्रालय ने कुछ IITs को भी किया था लिस्ट
इसके लिए मंत्रालय ने कुछ आईआईटी (IITs) और एनआईटी (NITs) को सूचीबद्ध भी किया था। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA)जो जेईई (मुख्य) और नीट आयोजित कराती है, वह प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सिलेबस भी तैयार करेगी। साथ ही यूजीसी को भी निर्देशित किया गया है कि समय पर ही छात्रवृत्ति का वितरण हो और उसके लिए एक हेल्पलाइन भी जल्द शुरू की जाए और छात्रों की सभी शिकायतों का तुरंत हल किया जा सके।
एनटीए ने पिछले महीने 2021 से हिंदी और अंग्रेजी के अलावा नौ क्षेत्रीय भाषाओं में जेईई (मुख्य) आयोजित करने के अपने फैसले की घोषणा की थी। हालांकि, आईआईटी ने इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया है। आईआईटी औऱ एनआईटी के फैसले के बाद ही यह निर्णय अंतिम माना जाएगा।