
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) के मुखिया और विधान परिषद सदस्य संजय निषाद ने दावा किया है कि भगवान राम, राजा दशरथ के नहीं बल्कि श्रृंगी ऋषि निषाद के पुत्र थे। हालांकि, निषाद ने अपने बयान के बाद मंगलवार को फतेहपुर में माफी मांग ली।
उन्होंने कहा, “प्रभु श्री राम हमारे पूज्यनीय हैं, उनके बारे में कोई गलत शब्द निकल गया हो तो मैं प्रभु श्रीराम से माफी मांगता हूं।” विपक्षी दलों ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जतायी और भाजपा से रुख स्पष्ट करने की मांग की।
इस बीच, कैसरगंज से भाजपा सांसद ब्रज भूषण शरण सिंह से जब पत्रकारों ने निषाद के बयान के बारे में पूछा तो उन्होंने तुरंत सवाल उठाते हुए कहा, “उनकी (संजय निषाद) मां दाई थी क्या। जब राम पैदा हुए तब उनकी मां क्या वहां पर दाई थी। नाल उन्होंने काटी थी क्या?’
पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्रृंगी ऋषि ने एक यज्ञ कराया था जिसके बाद राजा दशरथ की तीनों पत्नियों को खीर खाने के लिए दी गई थी।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निषाद ने गत रविवार को प्रयागराज में कहा था, ‘‘ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम का जन्म उनकी मां को खीर खिलाने के बाद हुआ। खीर खिला देने से बच्चे का जन्म नहीं हो सकता।’’
निषाद के मुताबिक, ‘‘राजा दशरथ को जब कोई संतान नहीं हो रही थी तो उन्होंने श्रृंगी ऋषि से यज्ञ कराया था। यह यज्ञ सिर्फ कहने के लिए ही था और खीर वाली बात एक ‘सम्मानजनक कहानी’ है।’’ उन्होंने राम को दशरथ का तथाकथित पुत्र और श्रृंगी ऋषि निषाद का असली पुत्र कहा था।
हालांकि, निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस पर सफाई देते हुए मंगलवार को फतेहपुर में संवाददाताओं से कहा, “प्रभु श्रीराम हमारे पूज्यनीय हैं, उनके बारे में कोई गलत शब्द निकल गया हो तो मैं प्रभु श्रीराम से माफी मांगता हूं।” उन्होंने कहा, “प्रभु श्रीराम ने हमारे समाज के लिए बहुत कुछ किया है और हमारे समाज ने श्री राम मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभाई है।” निषाद ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल इस गठबंधन (भाजपा और निषाद पार्टी के) से खुश नहीं हैं और कहा, ‘‘मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।’’
उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनाव प्रभारी एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भगवान राम पर निषाद की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा, “संजय निषाद ने मुझे भी बहुत कुछ बोला है। उनकी पार्टी राजग का हिस्सा है, वह हमारे अच्छे सहयोगी हैं और हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे।”
इस बीच, विपक्ष ने निषाद के बयान पर भाजपा को घेरने की कोशिश करते हुए सवाल किया कि क्या वह भगवान राम को लेकर दिए गए इस बयान से सहमत है? ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा नेताओं से तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से निषाद के इस बयान पर स्पष्टीकरण देने की मांग की है।
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने कहा कि निषाद अगर भाजपा से हाथ मिलाने के बाद ऐसी बात करते हैं तो भाजपा से पूछा जाना चाहिए कि उसका इस पर क्या रुख है।
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता ललन कुमार ने निषाद से बिना शर्त माफी की मांग करते हुए आरोप लगाया, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कभी मां सीता का अपमान करते हैं और भगवान हनुमान को दलित बताते हैं।
उसी तरह निषाद भी मानसिक दिवालियापन का शिकार हो गये हैं।’’ उन्होंने भाजपा और उसके सहयोगियों पर ‘‘धार्मिक इतिहास और तथ्यों’’ को बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भगवान राम और मंदिर को लेकर राजनीति करने वाली भाजपा स्पष्ट करे कि निषाद के बयान पर उसका क्या रुख है।