कुतुब मीनार से संबंधित मामले पर सुनवाई टली,परिसर में पूजा-पाठ की मांगी थी अनुमति


अतिरिक्त जिला न्यायाधीश निखिल चोपड़ा ने यह देखते हुए मामले को 24 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया कि कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह नामक व्यक्ति की ओर से इस मुद्दे पर एक नयी अर्जी दाखिल की गई है।


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नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कुतुब मीनार परिसर के अंदर हिंदू और जैन देवी-देवताओं की पूजा की अनुमति मांगने से संबंधित याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई टाल दी।

अतिरिक्त जिला न्यायाधीश निखिल चोपड़ा ने यह देखते हुए मामले को 24 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया कि कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह नामक व्यक्ति की ओर से इस मुद्दे पर एक नयी अर्जी दाखिल की गई है।

अदालत ने सिंह को मुख्य याचिकाकर्ता, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और मामले के अन्य पक्षों को आवेदन की एक प्रति प्रदान करने का निर्देश दिया। अदालत ने उनसे इस आवेदन पर औपचारिक जवाब दाखिल करने को कहा। इससे पहले, एएसआई ने कहा था कि कुतुब मीनार उपासना स्थल नहीं है।

मूल याचिका जैन देवता तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव की ओर से अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि मोहम्मद गौरी की सेना के सेनापति कुतुबदीन ऐबक ने 27 मंदिरों को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था, और सामग्री का पुन: उपयोग करके परिसर के अंदर कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माण कराया था।

जैन ने कहा था कि प्राचीन काल से परिसर में स्थित भगवान गणेश की दो मूर्तियां हैं और उन्हें आशंका है कि एएसआई उन्हें हटाकर कलाकृतियों के रूप में किसी राष्ट्रीय संग्रहालय को दे देगा।