एक साल पहले ही सनातन के रास्ते चल पड़ी थीं स्टीव जॉब्स की पत्नी


लॉरेन एक साल पहले ही सनातन के रास्ते चल पड़ी थीं। पिछले साल फरवरी में ही उन्हें ‘कमला’ नाम मिल चुका था।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

एपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल ने इस महाकुंभ में खूब सुर्खियां बटोरीं हैं। फिलहाल तो उन्हें प्रयागराज से लौटे दो दिन हो चुके हैं लेकिन उनकी चर्चा अभी भी जारी है। नई जानकारी यह है कि लॉरेन एक साल पहले ही सनातन के रास्ते चल पड़ी थीं। पिछले साल फरवरी में ही उन्हें ‘कमला’ नाम मिल चुका था। यह बात इस कुंभ में उन्हें दीक्षा देने वाले पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के प्रमुख स्वामी कैलाशानंद गिरी ने बतलाई है।

आध्यात्मिक गुरु कैलाशानंद गिरी ने बताया, ‘हमने मकर संक्रांति पर यानी 14 जनवरी की रात 10 बजकर 10 मिनट पर उन्हें दीक्षा दी। हालांकि एक साल पहले ही उन्हें ‘कमला’ नाम और गोत्र दिया जा चुका था। पिछले साल 18 फरवरी को उन्हें यह नाम मिला था।’

न्यूज एजंसी ANI से बातचीत करते हुए कैलाशानंद जी ने बताया, ‘वह भौतिकवाद के चरम तक पहुंच चुकी थीं। अब वह सनातन धर्म से जुड़ना चाहती हैं और अपने गुरु से जुड़कर अपनी परंपराएं जानना चाहती हैं। वह बेहद ही सरल और शांत हैं। उनमें अहंकार बिल्कुल नहीं है। वह एक आम श्रद्धालु की तरह ही शिविर में 4 दिन तक रूकीं।’

कैलाशानंद जी बताते हैं, ‘उनके साथ दो बड़े हवाई जहाज में उनके 50 निजी स्टॉफ भी आए थे। वह पूरी तरह से शाकाहारी हैं। वह प्याज और लहसुन तक नहीं खाती।’

लॉरेन पॉवेल 10 दिनों के लिए महाकुंभ आईं थीं लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद वह तीन दिन में ही प्रयागराज से लौंट गईं। जाने से पहले उन्होंने अपने गुरु आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा ली। लॉरेन पॉवेल को महाकाली के बीज मंत्र की दीक्षा दी गई है। वह ॐ क्रीं महाकालिका नमः का जाप करेंगी।