
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की हार पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भावुक हो गए। अन्ना हजारे यह कहते हुए भावुक हो गए कि उन्होंने केजरीवाल को बहुत समझाया, लेकिन उन्होंने समाज के बारे में नहीं सोचा और राजनीति में चले गए। उन्होंने कहा, “मुझे उससे बहुत उम्मीद थी। मैंने उसे बहुत सारा प्यार दिया था, लेकिन वह रास्ता छोड़ गए।”
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा, “मैं लंबे समय से कहता रहा हूं कि चुनाव लड़ते समय उम्मीदवार का आचार विचार और चरित्र शुद्ध होना चाहिए ये शराब में लिप्त रहे, इनकी छवि खराब रही, इस वजह से इन्हें कम वोट मिले हैं।” अन्ना हजारे ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (AAP) को शराब नीति और पैसे पर ध्यान केंद्रित करने के कारण दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल लोगों की निस्वार्थ सेवा करने के अपने कर्तव्य को समझने में विफल रहे। केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उम्मीदवार का चरित्र साफ होना चाहिए और उसे त्याग के गुण पता होने चाहिए। ये गुण (प्रत्याशियों में) लोगों का भरोसा जीतते हैं और उन्हें लगता है कि उम्मीदवार उनके लिए कुछ करेगा।
AAP के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जंगपुरा से हार स्वीकार कर ली है, जबकि पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा है। केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना 2012 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद हुई थी। केजरीवाल को हजारे का समर्थक माना जाता है, लेकिन 2012 में आम आदमी पार्टी के गठन के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए थे।