केंद्र को राज्यों पर नीतियां नहीं थोपनी चाहिए: ममता


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि केंद्र को राज्य सरकारों की मांगों को अधिक गंभीरता से लेना चाहिए और उन पर कोई नीति थोपी नहीं जानी चाहिए।


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कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि केंद्र को राज्य सरकारों की मांगों को अधिक गंभीरता से लेना चाहिए और उन पर कोई नीति थोपी नहीं जानी चाहिए।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, नयी दिल्ली में नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए बनर्जी ने जोर देकर कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच ‘‘अधिक सहयोग’’ होना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ने यह भी कहा कि राज्य सरकारों पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू करने के लिए दबाव नहीं डाला जाना चाहिए।

पश्चिम बंगाल सरकार एनईपी को लागू करने की इच्छुक नहीं थी। इसने एनईपी की जांच करने और शिक्षा पर राज्य स्तरीय नीति की आवश्यकता का आकलन करने के लिए अप्रैल में विशेषज्ञों की 10 सदस्यीय समिति का गठन किया।

उन्होंने बैठक में अपने लगभग 15 मिनट के संबोधन के दौरान कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच अधिक से अधिक सहयोग होना चाहिए। कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से संचालन परिषद की यह पहली प्रत्यक्ष बैठक है। वर्ष 2021 की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई थी।

बैठक में 23 मुख्यमंत्रियों, तीन उपराज्यपालों, दो प्रशासकों और केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया। संचालन परिषद ने चार प्रमुख एजेंडा मदों – फसल विविधीकरण और दलहन, तिलहन एवं अन्य कृषि-वस्तुओं में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना, स्कूली शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कार्यान्वयन, उच्च शिक्षा में एनईपी का कार्यान्वयन और शहरी शासन पर चर्चा की।