
नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता व राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के एक विवादस्पद बयान के बाद खलबली मच गई है। उनके बयान को अब धर्म-जाति से जोड़कर देखा जा रहा है। मंदिर, पुजारियों और ब्राह्मण को लेकर दिए गए टिकैत के बयान के बाद ब्राह्मण समाज खासा नाराज है। यही नहीं टिकैत ने किस नजरिए से इस बयान को दिया, इसकी पूरे दिन चर्चा होती रही।
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर राकेश टिकैत को गिरफ्तार करो ट्रेंड भी चल गया है। इसको लेकर ये माना जा रहा है कि राकेश टिकैत अब ब्राह्मणों को लेकर विवादित बयानबाजी कर रहे हैं। हालांकि टिकैत ने अपने इस बयान को लेकर सफाई देते हुए कहा है कि उनके बयान का गलत मतलब निकला गया है।
नए कृषि कानून को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन के बीच टिकैत ने बयान देते हुए मंदिर को निशाने पर लिया और कहा कि इससे अच्छे तो गुरुद्वारा है जो यहां लंगर लगाकर कम से कम किसानों को खाना तो खिला रहे हैं। इतना ही नहीं, टिकैत ने कहा कि मंदिर में दूध और कई चढ़ावा जाते हैं लेकिन वहां से चाय का भी इंतजाम नहीं हुआ है। समय आने पर इन्हे भी ठीक किया जाएगा।
वायरल वीडियो में टिकैत ने कहा है कि मंदिरों में बैठे पंडित सुधर जाओ। किसानों के साथ में कोई नहीं आया। किसानों को सम्बोधित करते हुए टिकैत ने कहा, कोई इनसे (मंदिर के पुजारियों) भी हिसाब-किताब ले लो भाई। यहां एक-दो भंडारा ही लगा दो भाई। कहा कि इन सबका इलाज होगा। इस बयान के बाद से खलबली मच गई है।
#राकेश_टिकैत_को_गिरफ्तार_करो
Is there no respect for Brahmins @abvpup#राकेश_टिकैत_को_गिरफ्तार_करो— पण्डित जी (@VikasPa01157099) December 27, 2020
वहीं किसान आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के बयान के बाद ब्राह्मण समाज के लोगों ने बैठक कर इसकी निंदा की है और कहा कि भाकियू केवल एक जाति-बिरादरी का संगठन नहीं है। यह सर्वसमाज के किसानों का संगठन है।
ब्राह्मण समाज ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के ब्राह्मण समाज के प्रति दिए गए बयान को घृणित और नफरत फैलाने वाला बताया। वक्ताओं ने कहा कि राकेश टिकैत को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारतीय किसान यूनियन केवल एक जाति-बिरादरी का संगठन नहीं है।