प्रदर्शन करने का अधिकार कहीं भी, कभी भी नहीं हो सकता : दिल्ली हाईकोर्ट


केंद्र सरकार के कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन को लेकर दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया है।


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दिल्ली Updated On :

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन को लेकर दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि ‘‘प्रदर्शन करने का अधिकार कहीं भी और कभी भी’’ नहीं हो सकता और इसने पिछले वर्ष पारित अपने आदेश की समीक्षा की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष फैसले में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि, ‘‘शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक रास्ते पर कब्जा जमाना स्वीकार्य नहीं है।’’

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कुछ अचानक प्रदर्शन हो सकते हैं लेकिन लंबे समय तक असहमति या प्रदर्शन के लिए सार्वजनिक स्थानों पर लगातार कब्जा नहीं किया जा सकता है जिससे दूसरे लोगों के अधिकार प्रभावित हों।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा, ‘‘हमने समीक्षा याचिका और सिविल अपील पर गौर किया है और आश्वस्त हैं कि जिस आदेश की समीक्षा करने की मांग की गई है उसमें पुनर्विचार किए जाने की जरूरत नहीं है।’’



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