नई दिल्ली। राजधानी कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति और समर्थ इंडिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के निवारण” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य था यौन उत्पीड़न की पहचान, बचाव, जागरुकता और परिणामी प्रतिक्रिया में सुधार । साथ ही कार्यस्थलीय यौन उत्पीड़न के कानूनी और नैतिक पक्षों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
कार्यशाला में उद्घाटन वक्तव्य देते हुए प्राचार्य प्रो.राजेश गिरि ने परिवार के स्तर पर मूल्यों को बढ़ावा देने और श्रेष्ठ पूर्ववर्ती धारा से जुड़ने का आह्वान किया। विशिष्ट वक्ता के रूप में समर्थ इंडिया फाउंडेशन की संस्थापिका सह अध्यक्ष श्रीमती सुमन संजय अग्रवाल और फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री संजय अग्रवाल ने संयुक्त रूप से लिंग और सेक्स को पारिभाषित करते हुए महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न, भेदभाव और असमानता को एक मौलिक स्तर पर समझाया।
दोनो वक्ताओं ने रुढ़िवादी सोच और यौन उत्पीड़न (पोश) अधिनियम के विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए उसे एक हथियार के रूप में नहीं बल्कि एक ढाल के रूप प्रयोग करने पर जोर दिया। कार्यशाला में यौन उत्पीड़न की रिपोर्टिंग की स्थिति, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का न्याय करने के लिए मेट्रिक्स और अवांछित व्यवहार के उदाहरणों को भी रेखांकित किया गया, जिसमें सुरक्षित और सम्मानजनक कार्यस्थल वातावरण बनाने के महत्व पर ज़ोर दिया गया।
शिकायतकर्ताओं को सहायता प्रदान करने, विवाद समाधान के लिए तंत्र, और पीड़ितों और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने सहित ICC की ज़िम्मेदारियों को स्पष्ट किया गया। शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया, ICC की संरचना और सुलह और निपटान प्रक्रियाओं जैसे विषयों पर भी गहन चर्चा की गई।
आईसीसी की प्रा.ऑफिसर प्रो. वर्षा गुप्ता ने छात्रों, शिक्षकों और अतिथि वक्ताओं के बीच सक्रिय संवाद स्थापित कर कार्यशाला को जीवंतता प्रदान की।