कोविड-19 के कारण इस बार नहीं होगा परंपरागत जौलजीबी मेले का आयोजन


अस्कोट के पाल शासकों ने 1916 में मेले की शुरुआत की थी। हर साल 14 से 21 नवंबर तक पिथौरागढ़ जिले के जौलजीबी में व्यापार मेला लगता है।


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उत्तराखंडा का प्राचीन त्यौहार जौलजीबी का इस साल आयोजन नहीं होगा।


पिथौरागढ़ (उत्तराखंड)। कोविड-19 महामारी के कारण इस साल एक सदी से भी अधिक पुराना जौलजीबी मेला आयोजित नहीं किया जाएगा।

पिथौरागढ़ जिले के जौलजीबी और धारचूला इलाकों के व्यापारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद प्रशासन ने इस बार मेला आयोजित नहीं करने का फैसला किया।

धारचूला के उप-संभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) एके शुक्ला ने कहा, ‘‘मौजूदा महामारी और सुरक्षा स्थितियों को देखते हुए व्यापारी और सामाजिक कार्यकर्ता मेले के आयोजन के पक्ष में नहीं हैं।’’

अस्कोट के पाल शासकों ने 1916 में मेले की शुरुआत की थी। हर साल 14 से 21 नवंबर तक पिथौरागढ़ जिले के जौलजीबी में व्यापार मेला लगता है।

जौलजीबी के व्यापार संघ के अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह धर्मशक्तु ने कहा कि मेला आयोजित नहीं होने से क्षेत्र के करीब 700 व्यापारी और शिल्पकार अपने उत्पाद नहीं बेच पाएंगे।

उन्होंने कहा कि 104 साल के इतिहास में पहली बार मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा।

जौलजीबी मेले में भारत और नेपाल के व्यापारी भाग लेते हैं। तिब्बती कारोबारियों के उत्पाद भी मेले में बेचे जाते हैं।

शुक्ला ने कहा कि अगले साल पूरे उत्साह के साथ मेले का आयोजन किया जाएगा।



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