भंडारा आग हादसे में जान गंवाने वाले शिशुओं के परिजन से मिले ठाकरे, सुरक्षा ऑडिट का दिया आदेश


ठाकरे ने कहा कि उन्होंने जिन लोगों से मुलाकात की उनमें आदिवासी दंपति गीता बेहेरे तथा ‍विश्वनाथ बेहेरे शामिल हैं। उन्होंने इस घटना में अपनी पहली संतान एक बेटी को खो दिया है।


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महाराष्ट्र Updated On :

भंडारा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक दिन पहले भंडारा जिला अस्पताल में आग लगने से जान गंवाने वाले नवजात शिशुओं के परिजन से रविवार को मुलाकात की और कहा कि राज्य के सभी अस्पतालों का सुरक्षा ऑडिट करने का आदेश दिया गया है।

उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों से भी बात की।

पूर्वी महाराष्ट्र के भंडारा जिले में चार मंजिला जिला अस्पताल की नवजात शिशु विशेष देखभाल इकाई में शनिवार को आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई थी।

ठाकरे ने कहा कि उन्होंने जिन लोगों से मुलाकात की उनमें आदिवासी दंपति गीता बेहेरे तथा ‍विश्वनाथ बेहेरे शामिल हैं। उन्होंने इस घटना में अपनी पहली संतान एक बेटी को खो दिया है।

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने हाथ जोड़कर पीड़ितों के माता-पिता से मुलाकात की।

उन्होंने कहा, ‘यह बेहद दुखद घटना थी। मैंने जान गंवाने वाले कुछ नवजात शिशुओं के परिजन से मुलाकात की। मेरे पास उनके साथ दुख साझा करने के लिये शब्द नहीं है, क्योंकि जिनकी जान चली गई है, उन्हें वापस नहीं लाया जा सकता। मैंने उस जगह (भंडारा का अस्पताल जहां आग लगी थी) का भी दौरा किया है। ‘

ठाकरे ने कहा, ‘जांच के आदेश दिये जा चुके हैं, जिसमें यह भी पता लगाया जाएगा कि आग दुर्घटनावश लगी या फिर यह सुरक्षा रिपोर्ट को नजरअंदाज करने का नतीजा है।’

उन्होंने कहा, ‘मैंने यह पता लगाने का भी आदेश दिया है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान राज्य के किसी अस्पताल में सुरक्षा नियमों की अनदेखी तो नहीं की जा रही। ‘

ठाकरे ने कहा कि घटना से संबंधित सुरक्षा पहलुओं की जांच के लिये एक टीम का गठन किया गया है। दौरे के दौरान ठाकरे के साथ महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष नाना पटोले भी थे।

भंडारा जिला राज्य की राजधानी मुंबई से लगभग 900 किलोमीटर दूर है। एक अधिकारी ने कहा कि आग शुक्रवार देर रात करीब डेढ़ बजे लगी थी।



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