नौगढ़। कोल जाति को पूरे प्रदेश में और चंदौली जनपद की खरवार व चेरो जाति को आदिवासी का दर्जा देने, नौगढ़ में वन विभाग की खाली पड़ी जमीनों को कृषि व वानकी के लिए ग्रामीण गरीबों को पट्टे पर देने, बेदखली पर रोक लगाने और वनाधिकार कानून को लागू करने, मनरेगा में दो सौ दिन काम और 400 रुपए मजदूरी देने व बकाया मजदूरी का तत्काल भुगतान करने, लधु व कुटीर उद्योग के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों और नौजवानों को ब्याज मुक्त 10 लाख रुपए अनुदान देने और नौगढ़ में टमाटर व मिर्ची की चटनी का उद्योग लगाने की मांगों पर बड़े पैमाने पर संवाद अभियान चलाया जाएगा।
कोल, खरवार, चेरो को जनजाति की सूची में शामिल करने के लिए इस समाज के जन प्रतिनिधियों व संभ्रांत लोगों की शीघ्र ही बड़ी बैठक भी की जायेगी। इस आशय का निर्णय आज मझगावां के पंचायत भवन में आयोजित रोजगार और सामाजिक अधिकार संवाद की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता पूर्व प्रधान चंद्रिका कोल और संचालन मजदूर किसान मंच के जिला संयोजक रामेश्वर प्रसाद ने किया।
बैठक में नौगढ़ में एक बार पुन: शुरू किए गए दमन अभियान पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। प्रस्ताव लेकर आदिवासियों के सम्मानित नेता व पूर्व प्रधान चंद्रिका कोल की पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की गई। प्रस्ताव में कहा गया कि पुलिस चाहती तो आदिवासियों के सम्मानित नेता को वारंट के संबंध में सूचित कर सकती थी ताकि वह अपनी जमानत कर लेते लेकिन मामूली धाराओं में पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया जो और कुछ नहीं नौगढ़ में भय का माहौल बनाना और उन्हें अपमानित करना था।
बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि नौगढ़ समेत चंदौली से बड़े पैमाने पर पूंजी का पलायन हो रहा है। यहां की 60 प्रतिशत बैंकों में जमा पूंजी दूसरे प्रदेशों में चली जा रही है। इस पलायन पर रोक लगाई जाए और इसे रोजगार सृजन व विकास पर खर्च किया जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा घोषित हर वर्ष पौधारोपण भारी भ्रष्टाचार का शिकार है। इसकी जगह पर्यावरण की रक्षा के लिए जंगल विभाग की खाली पड़ी जमीनों को ग्रामीणों को कृषि और वानकी के लिए दिया जाए तो बड़े पैमाने पर नौगढ़ में हरियाली भी आएगी और लोगों की आजीविका का इंतजाम भी होगा। उन्होंने कहा कि यह कष्टदायक है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद वन विभाग ग्रामीणों को उत्पीड़ित कर रहा है। उत्पीड़न की सभी कार्यवाहियों पर सर्वे किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो उच्च न्यायालय भी जाया जाएगा।
एआईपीएफ के राष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए जिला संयोजक अखिलेश दुबे ने कहा कि आज कॉर्पोरेट परस्त राजनीति के खिलाफ जन राजनीति को खड़ा करना बेहद महत्वपूर्ण है। इस राजनीति के माध्यम से ही जनता की जिंदगी में खुशहाली और तरक्की आएगी। बैठक में दर्जनों लोगों ने एआईपीएफ की सदस्यता भी ग्रहण की।
बैठक में पूर्व प्रधान नंदू राम, रीता, विद्यावती, रहमुद्दीन, शंभू मिस्त्री, नासिर, नंदू कोल, संजय कोल, बीरबल गोंड, दीनानाथ, सुरेंद्र खरवार आदि लोगों ने अपनी बात रखी।